उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर
जागरण संवाददाता, देहरादून। हाल ही में उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर आई है। राज्य के ऊर्जा निगम ने नवंबर महीने के बिजली बिलों में राहत देने का निर्णय लिया है। नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दरों के अनुसार, उपभोक्ताओं को फ्यूल एंड पावर पर्चेज कास्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत कुल 13.44 करोड़ रुपये की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट उपभोक्ताओं की जेब पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी और उनके मासिक खर्च को कम करेगी।
इस राहत का वितरण औसतन 11 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से किया जाएगा। एफपीपीसीए व्यवस्था के अंतर्गत, जब उपभोक्ता सस्ती दरों पर बिजली खरीदते हैं, तो विद्युत दर को कम किया जाता है, जबकि महंगी खरीद पर दरें बढ़ाई जाती हैं। इस प्रकार, उपभोक्ताओं को बिजली की लागत के अनुसार संतुलित किया जाता है।
ऊर्जा निगम की पहल
ऊर्जा निगम के निदेशक परिचालन, एमआर आर्य, ने बताया कि यदि किसी माह की औसत बिजली खरीद लागत नियामक आयोग द्वारा स्वीकृत दर से कम होती है, तो उपभोक्ताओं को एफपीपीसीए के माध्यम से राहत दी जाती है। इसके विपरीत, यदि लागत बढ़ती है, तो उसका समायोजन आने वाले बिलों में किया जाता है। इस प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को हर स्थिति में संतुलित दरों का लाभ मिलता है।
इससे पहले भी, वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को कई बार राहत दी जा चुकी है। जैसे कि मई महीने में 101 करोड़ रुपये (89 पैसे प्रति यूनिट) की छूट और जुलाई में 112 करोड़ रुपये (81 पैसे प्रति यूनिट) की छूट प्रदान की गई थी। इस प्रकार, ऊर्जा निगम लगातार उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
बिजली की मांग और उपलब्धता
ऊर्जा निगम ने बताया कि इस समय देशभर में बिजली की मांग सामान्य स्थिति में है। बाजार में सस्ती दरों पर बिजली की खरीद की जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ हो रहा है। इसके साथ ही, आगामी महीनों में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है, जिसके लिए ऊर्जा निगम ने पर्याप्त बिजली उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बनाई हैं।
नवंबर में उपभोक्ताओं को मिलने वाली राहत दर
नवंबर में प्रत्येक उपभोक्ता श्रेणी के लिए राहत दरें निम्नलिखित हैं:
| उपभोक्ता श्रेणी | राहत दर (पैसे में) |
| घरेलू उपभोक्ता | 3-9 |
| अघरेलू (वाणिज्यिक) | 13 |
| सरकारी भवन/संस्थान | 12 |
| प्राइवेट ट्यूबवेल | 4 |
| कृषि गतिविधियां | 5-6 |
| एलटी इंडस्ट्री | 12 |
| एचटी इंडस्ट्री | 12 |
| फिक्स्ड लोड | 11 |
| रेलवेज ट्रैक्शन | 11 |
| ईवी चार्जिंग स्टेशन | 11 |
नोट: राहत दर पैसे में।
निष्कर्ष
इस तरह की राहत योजनाओं से उपभोक्ताओं के लिए बिजली के बिलों में कमी आना निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है। ऊर्जा निगम की जिम्मेदारी है कि वह उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर बिजली उपलब्ध कराए और इस दिशा में वह लगातार प्रयास कर रहा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में भी उपभोक्ताओं को ऐसी ही राहत मिलती रहेगी और ऊर्जा निगम की योजनाएं और भी प्रभावी बनेंगी।


























