उत्तराखंड में सहकारी समितियों के चुनाव की तैयारियां तेज
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। उत्तराखंड में सहकारी समितियों के चुनावी प्रक्रिया की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। मंगलवार को चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें आवश्यक चुनाव सामग्री प्रदान करने की योजना बनाई गई है। जिले की कुल 43 सहकारी समितियों में 243 पदों पर डायरेक्टर के लिए चुनाव होना है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सहकारी समितियों के लिए चुनाव अधिकारियों और सहायक चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। जिन सहकारी समितियों में 18 फरवरी को निर्विरोध चुनाव नहीं हुए थे, केवल उन्हीं समितियों में मतदान कराया जाएगा। वहीं, जिन समितियों में निदेशक निर्विरोध चुने जा चुके हैं, वहां चुनाव प्रक्रिया नहीं होगी। इस प्रकार कुल 243 डायरेक्टर के पदों पर चुनाव कराए जाएंगे, जिससे समितियों के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण और चुनाव सामग्री का वितरण
आज चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के बाद आवश्यक चुनाव सामग्री जैसे कि बैलेट पेपर, मुहर, निशान लगाने की स्याही और अन्य स्टेशनरी प्रदान की जाएगी। चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। इस बार चुनाव अधिकारियों की संख्या भी बढ़ाई गई है ताकि चुनाव प्रक्रिया में कोई भी कमी न रह जाए।
जिला सहायक निबंधक मोनिका चुनेरा ने बताया कि इस बार चुनाव अधिकारी की संख्या में वृद्धि की गई है, जिससे सभी समितियों में चुनाव प्रक्रिया को सही तरीके से संचालित किया जा सके। मंगलवार को प्रशिक्षण के दौरान चुनाव अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, ताकि वे मतदान के दौरान अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा सकें।
मतदाता सूची की तैयारी और अंतिम सूची का प्रकाशन
चुनाव की प्रक्रिया के तहत, 10 नवंबर को मतदाताओं की अनंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके लिए सूचियां समिति कर्मचारियों द्वारा तैयार की जा रही हैं। चुनाव अधिकारी इन सूचियों की जांच-पड़ताल के बाद समितियों के मुख्यालय पर चस्पा करेंगे। आपत्तियों के निस्तारण के बाद 12 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी, जिससे मतदाता सही तरीके से अपने अधिकार का उपयोग कर सकें।
- चुनाव अधिकारियों को आवश्यक सामग्री का वितरण किया जाएगा।
- मतदाता सूची का अनंतिम प्रकाशन 10 नवंबर को होगा।
- अंतिम मतदाता सूची 12 नवंबर को जारी की जाएगी।
इन चुनावों के माध्यम से न केवल सहकारी समितियों के विकास में योगदान दिया जाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि समितियों का संचालन लोकतांत्रिक तरीके से हो। इस प्रक्रिया के अंतर्गत निर्वाचन आयोग ने सभी आवश्यक उपाय किए हैं ताकि चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सके।
इस समय, सहकारी समितियों में चुनाव प्रक्रिया को लेकर सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी सक्रिय हैं। वे इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हों। इस प्रकार, सहकारी समितियों के चुनाव में सभी की भागीदारी और पारदर्शिता से विकास कार्यों को गति मिलेगी।























