कार्तिक पूर्णिमा पर गिरिजा देवी मंदिर में भक्तों की भीड़
जागरण संवाददाता, रामनगर। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर गिरिजा देवी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान मेले का आनंद लिया। श्रद्धालुओं ने कोसी नदी में डुबकी लगाते हुए मां गिरिजा देवी की पूजा-अर्चना की। यह स्नान मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित किया जाता है, जिसमें नैनीताल, उधमसिंहनगर जिले के अलावा उत्तर प्रदेश के नजदीकी क्षेत्रों से भी लोग शामिल होते हैं।
मंदिर के टीले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने एक बार में 70-70 श्रद्धालुओं को ही दर्शन कराने की व्यवस्था की थी। श्रद्धालुओं को टोकन देकर प्रवेश दिया जा रहा था। प्रशासन ने दुर्घटनाओं से बचाव के लिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के ट्रैक्टर ट्राली, ट्रक, डंपर और टेंपो आदि पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्हें रामनगर में ही बेलगढ़ और हल्दुआ पर रोक दिया गया था।
दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था
श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुँचाने के लिए शटल बस सेवा की व्यवस्था की गई थी। दूर-दराज से श्रद्धालु मंगलवार शाम से ही गंगा स्नान के लिए मंदिर पहुंचना शुरू हो गए थे। सुबह से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। मंदिर समिति के अनुसार, अन्य वर्षों की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कम रही।
इस दौरान प्रशासन, पुलिस के अधिकारी और मंदिर समिति के सदस्य मेले की व्यवस्थाओं पर नजर रखते रहे। रामनगर से मंदिर तक जगह-जगह पुलिस तैनात रही। प्रशासन के अधिकारियों में एसडीएम प्रमोद कुमार, डीएफओ ध्रुव मर्तोलिया, मंदिर समिति के अध्यक्ष कुबेर सिंह अधिकारी, कोषाध्यक्ष डा. निशांत पपनै, सचिव दीप कुमार जोशी, भूपेंद्र खाती, मुख्य पुजारी मनोज पांडे, रमेश मिश्रा, गोविंद बधानी, सोनी जोशी, और नितेश जोशी मौजूद रहे।
गंगा स्नान का महत्व और श्रद्धालुओं की आस्था
गंगा स्नान का धार्मिक महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने से श्रद्धालुओं का विश्वास है कि उन्हें पवित्रता और मोक्ष प्राप्त होता है। इस अवसर पर गिरिजा देवी मंदिर में आस्था और भक्ति का माहौल देखने को मिलता है, जहां भक्तजन अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मां गिरिजा देवी से प्रार्थना करते हैं।
गिरिजा देवी मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही कारण है कि हर साल इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन यहां पहुंचते हैं। प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा की गई व्यवस्थाओं के चलते इस बार भी श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा।
भक्तों की सुरक्षा और प्रशासन की सजगता
इस बार प्रशासन ने भक्तों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई कदम उठाए। मंदिर परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। इसके अलावा, टोकन प्रणाली के जरिए भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। यह सब कुछ इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर प्रशासन कितनी सजग है।
सभी श्रद्धालुओं ने इस अवसर का भरपूर आनंद लिया और मां गिरिजा देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्चे मन से पूजा अर्चना की। इस तरह के धार्मिक आयोजनों में स्थानीय प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव प्राप्त हो।


























