हरिद्वार में अवैध मजार का ध्वस्तीकरण, सुरक्षा के लिए तैनात रही पुलिस
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में रानीपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की भूमि पर बने एक अवैध मजार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने ध्वस्त कर दिया है। यह कार्यवाही शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से की गई थी, जिसमें तीन कोतवालियों की पुलिस भी उपस्थित रही। इस कार्रवाई के दौरान जेसीबी मशीन का उपयोग करते हुए पक्के अतिक्रमण को पूरी तरह से जमींदोज कर दिया गया।
सलेमपुर क्षेत्र में सुमननगर के पास, पुरानी और नई गंगनहर के बीच काफी समय से एक मजार बनी हुई थी। प्रशासन की ओर से कुछ दिन पहले मजार के सेवादारों को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें स्वयं ही अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। हालांकि, नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले में सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत की गई कार्रवाई
मंगलवार सुबह, एसडीएम जितेंद्र कुमार की अगुवाई में पुलिस प्रशासन और सिंचाई विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने धार्मिक पुस्तकों और प्रतीक चिह्नों को सम्मान के साथ सुरक्षित स्थान पर निकाला। इसके बाद, जेसीबी की सहायता से मजार को ध्वस्त कर दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में रानीपुर कोतवाली प्रभारी शांति गंगवार, ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा और सिडकुल थाना प्रभारी नितेश शर्मा सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। पुलिस और प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो और स्थानीय नागरिकों को कोई असुविधा न हो।
प्रशासन की सख्ती और जन जागरूकता
इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ उनकी कार्रवाई जारी रहेगी। प्रशासन का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से लोगों में जागरूकता फैलेगी और वे भविष्य में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण से बचेंगे। इसके अलावा, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी धार्मिक गतिविधियों को उचित स्थानों पर ही करें और किसी भी प्रकार के अतिक्रमण से बचें।
हरिद्वार जिले में इस प्रकार की कार्रवाई से यह संदेश भी स्पष्ट होता है कि सरकार और प्रशासन कानून को लागू करने के लिए सख्त हैं। आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी ताकि सार्वजनिक भूमि का सम्मान किया जा सके और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि इस तरह की कार्रवाई से समाज में अनुशासन और कानून के प्रति सम्मान बढ़ेगा। कुछ नागरिकों का कहना है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ यह कदम आवश्यक था, क्योंकि इससे न केवल भूमि का दुरुपयोग होता है, बल्कि इससे स्थानीय वातावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस प्रकार की कार्रवाई के बाद अब लोगों में यह उम्मीद जगी है कि प्रशासन भविष्य में भी इसी प्रकार की सख्ती बरतेगा और अवैध गतिविधियों को रोकने में सफल होगा।
हरिद्वार जिले में यह घटना एक उदाहरण पेश करती है कि कैसे प्रशासन और पुलिस मिलकर अवैध निर्माणों के खिलाफ कदम उठा सकते हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या प्रशासन इस प्रकार की कार्रवाई को आगे भी जारी रखेगा या नहीं।























