हरिद्वार में अवैध मजार का ध्वस्तीकरण: पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई
हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई के तहत पुलिस और प्रशासन ने मिलकर एक अवैध मजार को ध्वस्त कर दिया है। यह मजार पुरानी और नई गंगनहर के बीच स्थित सिंचाई विभाग की भूमि पर बनी हुई थी। प्रशासन ने इस कार्रवाई की योजना पहले से बनाई थी और उन्होंने मजार के सेवादारों को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें मजार को हटाने के लिए कहा गया था।
इस कार्रवाई का नेतृत्व एसडीएम द्वारा किया गया, जिसमें जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया। इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस बल को भी तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन की ओर से अवैध निर्माणों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

बहादराबाद के सलेमपुर क्षेत्र में पुरानी और नई गंगनहर के बीच बनी अवैध मजार को ध्वस्त करती पुलिस-प्रशासन की टीम। जागरण
अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की सख्त नीति
हरिद्वार में चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य अवैध निर्माणों को समाप्त करना और सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा करना है। प्रशासन ने पहले से ही कई अवैध मजारों और अन्य निर्माणों को ध्वस्त करने की योजना बनाई थी। इस अभियान के तहत, प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को भी सूचित किया है कि वे सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण न करें, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इस प्रकार की कार्रवाई से स्थानीय समुदाय में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है। लोगों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से न सिर्फ अवैध निर्माणों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि सार्वजनिक स्थानों का सही उपयोग हो सके।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई के बाद, स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। लोगों का कहना है कि अवैध निर्माणों की बढ़ती संख्या से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी प्रभावित करता है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह अच्छी बात है कि प्रशासन ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया है। हमें उम्मीद है कि वे आगे भी ऐसी कार्रवाइयों को जारी रखेंगे।”
हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि प्रशासन को पहले से जानकारी देकर मजार के सेवादारों को उचित समय देना चाहिए था। इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “अगर प्रशासन ने पहले से ही नोटिस दिया था, तो यह बेहतर होता कि सेवादारों को हटाने के लिए और समय दिया जाता।”
भविष्य की योजनाएं
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। इसके अलावा, प्रशासन ने जनता को यह भी आश्वासन दिया है कि वे अवैध निर्माणों के खिलाफ अपनी निगरानी मजबूत करेंगे। इस संबंध में, प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
इस प्रकार की कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि हरिद्वार का प्रशासन अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त है और वे स्थानीय निवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कदम न केवल सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा करेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी संरक्षित करेगा।
हरिद्वार के इस अभियान को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य क्षेत्रों में भी प्रशासन इस तरह की सख्त कार्रवाई करेगा, ताकि अवैध निर्माणों पर नियंत्रण पाया जा सके और जनता का विश्वास प्रशासन में बढ़ सके।


























