Builder News: इंपीरियल वैली के बिल्डर का देहरादून में लापता होना, मचा हड़कंप

सारांश

उत्तराखंड में लापता बिल्डरों का रहस्य: शाश्वत और साक्षी गर्ग का मामला अंकुर अग्रवाल, देहरादून। देहरादून शहर में जांच एजेंसियों के लिए एक नया सिरदर्द बनते हुए, पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशक दीपक मित्तल और उनकी पत्नी राखी मित्तल के लापता होने के पांच साल बाद, अब एक और बिल्डर दंपती के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता […]

kapil6294
Nov 05, 2025, 8:23 AM IST

उत्तराखंड में लापता बिल्डरों का रहस्य: शाश्वत और साक्षी गर्ग का मामला

अंकुर अग्रवाल, देहरादून। देहरादून शहर में जांच एजेंसियों के लिए एक नया सिरदर्द बनते हुए, पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशक दीपक मित्तल और उनकी पत्नी राखी मित्तल के लापता होने के पांच साल बाद, अब एक और बिल्डर दंपती के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की खबर सामने आई है।

थानो क्षेत्र में स्थित इंपीरियल वैली नामक प्लाटिंग परियोजना पर कार्यरत बिल्डर शाश्वत गर्ग और उनकी पत्नी साक्षी गर्ग 16 अक्टूबर की रात को अपने निवास से हापुड़ गए थे, लेकिन इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला है। इस घटना ने शहर के प्रापर्टी डीलरों, बिल्डरों और निवेशकों में हड़कंप मचा दिया है। साक्षी के भाई सुलभ गोयल ने हापुड़ कोतवाली में तहरीर देकर इस मामले की जानकारी दी है।

लापता दंपती के परिवार से मिली जानकारी

सुलभ गोयल ने अपनी तहरीर में उल्लेख किया है कि साक्षी अपने पति शाश्वत, ससुर प्रवीन गर्ग, सास अंजली और बेटे रिद्वान गर्ग के साथ हापुड़ आए थे। अगले दिन 17 अक्टूबर को उन्होंने यह कहकर देहरादून लौटने का मन बनाया कि वे वापस जा रहे हैं, लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे। इसके बाद से उनका कोई संपर्क नहीं हो सका।

गोहल ने बताया कि शाश्वत ने भाईदूज पर परिवार के सदस्यों को एक वाट्सएप संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने घर लौटने की बात कही थी। इस दंपती की हर साल दीपावली पर बदरीनाथ और केदारनाथ जाने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार उनके परिवार का कोई भी सदस्य अब तक नहीं मिला है और उनके मोबाइल भी बंद आ रहे हैं। सुलभ गोयल ने तहरीर में किसी अनहोनी की आशंका जताई है।

Get 1 free credit in your first month of free trial to use on any title of your choice

पुलिस की कार्रवाई और लापता परिवार का पता लगाने की कोशिश

पुलिस के अनुसार, बिल्डर शाश्वत और उनका परिवार दो वाहनों में सवार था, जिनमें एक हुंडई क्रेटा (यूके07-एफके-0018) और एक हुंडई टिसोन (यूके07-एफएल-9369) शामिल हैं। दोनों वाहनों का भी अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। शाश्वत और उनके परिवार के लापता होने के बाद, उन निवेशकों में खलबली मच गई है, जिन्होंने इंपीरियल वैली में करोड़ों रुपये का निवेश किया था।

एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि हापुड़ पुलिस से सूचना मिलने के बाद इस मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को लापता परिवार का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस मोबाइल नंबर के कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन के साथ-साथ वाहनों के ट्रैकिंग की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, फास्टैग की जानकारी भी जुटाई जा रही है ताकि यह पता चल सके कि वाहन किस टोल-प्लाजा से गुजरे हैं।

पुष्पांजलि इंफ्राटेक के दीपक और राखी मित्तल का मामला

उधर, देहरादून में विभिन्न जांच एजेंसियों के लिए एक और चुनौती बने हुए दीपक और राखी मित्तल का मामला अब तक हल नहीं हो सका है। यह दंपती 2020 से फरार है और उन पर 90 फ्लैट खरीदारों से 45 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है। इसके साथ ही, दीपक ने पीएनबी की इंदिरा नगर शाखा से 21 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया था, जो अब एनपीए हो चुका है।

पुलिस, एसटीएफ, एसआइटी और ईडी इस दंपती की तलाश में जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। यह स्थिति न केवल निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, बल्कि यह शहर की प्रॉपर्टी मार्केट पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड में प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट में निवेश करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। लापता बिल्डरों की घटनाएं निवेशकों के लिए एक चेतावनी हैं कि वे किसी भी परियोजना में निवेश करते समय पूरी जानकारी और सतर्कता बरतें।

इस प्रकार, उत्तराखंड में बिल्डरों का लापता होना एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, जिसके समाधान के लिए पुलिस और जांच एजेंसियों को तत्पर रहना होगा। इन लापता व्यक्तियों के परिवारों के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उन्हें अपने प्रियजनों का पता चलेगा।

उत्तराखंड समाचार हिंदी में


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

विज्ञापन