उत्तराखंड में संत समाज का आशीर्वाद, मुख्यमंत्री धामी बने धर्मरक्षक
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संत समाज का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हुआ। देशभर के प्रमुख संतों ने मुख्यमंत्री धामी को “देवभूमि का धर्मरक्षक” की उपाधि से नवाजा। यह समारोह मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित किया गया, जहां संतों का आगमन हुआ और उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना की।
बुधवार का दिन मुख्यमंत्री आवास पर एक आध्यात्मिक केंद्र की तरह गुजरा। इस दौरान संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी के धर्म-संरक्षण और विकास कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने धर्मांतरण, लव जिहाद और लैंड जिहाद पर सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। संतों ने कहा कि धामी ने देवभूमि की सनातन आत्मा को सुरक्षित रखा है।
संतों की प्रशंसा और समर्थन
संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी के कार्यों को उच्चतम स्तर पर सराहा। उन्होंने कहा कि “पुष्कर सिंह धामी धर्म और संस्कृति के सच्चे पुरोधा हैं।” संतों ने यह भी उल्लेख किया कि धामी का नेतृत्व देवभूमि की अस्मिता और सनातन परंपरा की रक्षा का प्रतीक बना है। उनके प्रयासों से धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूती मिली है।
इस मौके पर संतों ने मुख्यमंत्री धामी के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके कार्यों से न केवल उत्तराखंड बल्कि संपूर्ण देश में एक सकारात्मक संदेश गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे अपनी इस पहल को और आगे बढ़ाएं और धर्म-संरक्षण के कार्यों में सतत प्रयास करते रहें।
धामी का विकास और सुरक्षा के प्रति समर्पण
मुख्यमंत्री धामी ने संत समाज के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका आशीर्वाद और समर्थन हमेशा उनकी प्रेरणा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। धामी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि वे राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और धर्म-संरक्षण में कोई कमी नहीं आने देंगे।
उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष पर संत समाज का समर्थन मुख्यमंत्री धामी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल उनके लिए बल्कि राज्य के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। संतों के समर्थन से मुख्यमंत्री धामी को आगामी चुनाव में एक मजबूत आधार मिल सकता है।
आगे के प्रयास और योजनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने संतों से यह भी कहा कि वे हमेशा उनकी सलाह और मार्गदर्शन के लिए तैयार हैं। उन्होंने भविष्य में धार्मिक स्थलों के विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का भी जिक्र किया। इसके साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संतों की गतिविधियों और उनके विचारों को राज्य के विकास में शामिल किया जाएगा।
- धर्म और संस्कृति की रक्षा
- धार्मिक स्थलों का विकास
- धर्मांतरण, लव जिहाद और लैंड जिहाद पर सख्त कार्रवाई
इस प्रकार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह समारोह न केवल सांस्कृतिक महत्व रखता है बल्कि यह उनके आने वाले कार्यों और योजनाओं का भी परिचायक है। संतों का आशीर्वाद उनके लिए एक नई ऊर्जा का संचार करेगा और उत्तराखंड की संस्कृति तथा परंपराओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।























