बहराइच में आदमखोर भेड़िए का आतंक, महिला और चार बच्चों पर हमला
अनुराग पाठक | बहराइच
बहराइच जिले के कैसरगंज तहसील में आदमखोर भेड़िए का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक और घटना में भेड़िए ने एक महिला और चार बच्चों सहित कुल पांच लोगों पर हमला किया। इस हमले में एक मासूम गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया है। यह घटना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है।
भेड़िए के हमलों में बढ़ोतरी
यहां हमलों के आंकड़े चिंताजनक हैं। अब तक चार मासूमों सहित कुल छह लोगों की जान जा चुकी है, जबकि बीस से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भेड़िया प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं और भेड़ियों को पकड़ने या शूट करने के आदेश दे चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद हमलें जारी हैं। इस स्थिति ने स्थानीय लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बना दिया है।
हादसों की श्रंखला
शनिवार को भोर से लेकर शाम तक मंझारा तौकली इलाके के पांच अलग-अलग मजरों में ये हमले हुए। सुबह तीन बजे बलराज पुरवा में लाल जी की पत्नी दुर्गावती (40) पर सोते समय हमला किया गया। इसके बाद बहराइचन पुरवा में मेनका (4) पुत्री हेमराज और श्याम देव पुरवा, मंझारा तौकली में मीना कुमारी (13) पुत्री रामकिशन भी घायल हो गईं। यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ, कई अन्य बच्चे भी भेड़िए के हमले का शिकार हुए।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
केलहा पुरवा, मंझारा तौकली में खेलते समय सात वर्षीय मासूम पुष्पा पुत्री प्रमोद कुमार की गर्दन पर भेड़िए ने हमला कर दिया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। इसके अलावा, खैरी लोनिया, मंझारा तौकली में चंद्रसेन (4) पुत्र राजेंद्र भी भेड़िए के हमले में घायल हुए। इन घटनाओं ने इलाके में भयावह स्थिति पैदा कर दी है और ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
ग्रामीणों की सजगता से बची जानें
परिजनों और ग्रामीणों के शोर मचाने पर सभी की जान बची। ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारियों ने घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां पुष्पा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। भेड़िए के लगातार हमलों से क्षेत्र में आतंक और अनिश्चितता का वातावरण व्याप्त है, जिससे लोग रात में बाहर निकलने से भी डर रहे हैं।
प्रशासन को चाहिए ठोस कदम
स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए ताकि भेड़िए का आतंक खत्म हो सके। क्षेत्र के विकास और सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस समस्या का समाधान करें। लोगों में जागरूकता फैलाने और सुरक्षा उपायों को लागू करने की भी जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
निष्कर्ष
बहराइच में आदमखोर भेड़िए के हमलों ने न केवल लोगों की जान को खतरे में डाला है, बल्कि उन्हें मानसिक दबाव में भी डाल दिया है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस समस्या का समाधान तुरंत करे और स्थानीय लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाए। जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
स्थानीय लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि प्रशासन सक्रिय हो और सभी आवश्यक उपाय लागू करे। इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा और ठोस निर्णय की आवश्यकता है, ताकि बहराइच की जनता सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन जी सके।


























