Business Update: उत्तर प्रदेश में कारोबारी का परिवार बिखरा, 40 साल में बना बड़ा ब्रांड

kapil6294
Nov 01, 2025, 9:53 AM IST

सारांश

वृंदावन में कारोबारी सुरेश अग्रवाल की हत्या और आत्महत्या की घटना वृंदावन की संकरी गलियों में 40 साल पहले बीड़ी का कारोबार शुरू करने वाले कारोबारी सुरेश चंद अग्रवाल ने अपने मेहनत और लगन से करोड़ों का व्यापार खड़ा किया। उनके इस सफल सफर में उनके बेटे भी उनके साथ थे। लेकिन, हाल ही में […]

सनक ने बिखेर दिया कारोबारी का परिवार:40 साल पहले घर से शुरू किया बीडी बनाना, आज पश्चिम बंगाल में है फैक्ट्री,ब्रांड को बनाई पहचान

वृंदावन में कारोबारी सुरेश अग्रवाल की हत्या और आत्महत्या की घटना

वृंदावन की संकरी गलियों में 40 साल पहले बीड़ी का कारोबार शुरू करने वाले कारोबारी सुरेश चंद अग्रवाल ने अपने मेहनत और लगन से करोड़ों का व्यापार खड़ा किया। उनके इस सफल सफर में उनके बेटे भी उनके साथ थे। लेकिन, हाल ही में एक दर्दनाक घटना ने इस पारिवारिक व्यवसाय को झकझोर कर रख दिया। पिता द्वारा बेटे को टोकना इस कदर नागवार गुजरा कि बेटे ने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे वृंदावन की व्यापारिक दुनिया के लिए भी एक बड़ा सदमा है।

सुरेश अग्रवाल ने 40 साल पहले वृंदावन में अपने घर से बीड़ी का व्यवसाय शुरू किया था, जो आज एक विशाल कारोबार में तब्दील हो गया है। उनका यह कारोबार अब पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। इस दुखद घटना ने उनके परिवार में गहरी छाप छोड़ी है। सुरेश के तीन बेटे हैं, जिनमें से बड़ा बेटा दिनेश पश्चिम बंगाल में फैक्ट्री का संचालन कर रहा है। वहीं, उनके बीच के बेटे नरेश और छोटे बेटे महेश वृंदावन में परिवार के साथ रहते थे और कारोबार का संचालन कर रहे थे।

मृतक सुरेश अग्रवाल के परिवार की स्थिति

सुरेश चंद अग्रवाल के तीन बेटों में से बड़े बेटे दिनेश का नाम बीड़ी के कारोबार से जुड़ा हुआ है। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पश्चिम बंगाल में फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं। बीच का बेटा नरेश और छोटा बेटा महेश वृंदावन में रहकर कारोबार को संभाल रहे थे। विशेष बात यह है कि नरेश और महेश के बच्चे अलग-अलग शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं, जो परिवार के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा करता है।

सुरेश चंद्र अग्रवाल का स्वभाव मिलनसार था, जबकि उनका बेटा नरेश गुस्सैल स्वभाव का था। सूत्रों के अनुसार, नरेश शराब के आदी हो गए थे, जिससे उनका गुस्सा और बढ़ गया था। हालांकि, वह सामाजिक कार्यों में हमेशा सहयोग करते थे और समाज के साथ मिलकर चलते थे। परिवार का यह संघर्ष और बिखराव अब सभी के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है।

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सुरेश का प्रॉपर्टी में निवेश

सुरेश चंद्र अग्रवाल ने बीड़ी के कारोबार के साथ-साथ प्रॉपर्टी में भी किस्मत आजमाई। मथुरा-वृंदावन के अलावा, उनके पास पश्चिम बंगाल में कई बेशकीमती जमीनें हैं, जिनकी कीमत अरबों में बताई जाती है। व्यापारी नेता भीमसेन अग्रवाल का कहना है कि सुरेश चंद्र अग्रवाल ने अपनी मेहनत के बल पर बीड़ी का कारोबार खड़ा किया और व्यापार जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई।

वारदात की जगह का मुआयना और पुलिस कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने उस कमरे की गहनता से जांच की, जहां सुरेश चंद अग्रवाल और उनके बेटे नरेश की मौत हुई। फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए और दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है, और अब शवों को परिजनों के सुपुर्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

बड़े बेटे दिनेश कोलकाता से रवाना हो चुके हैं, और उनके दोपहर बाद घर पहुंचने की संभावना है। इस दुखद घटना ने न केवल परिवार के सदस्यों को बल्कि पूरे वृंदावन के व्यापारियों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। सुरेश और नरेश की मौत ने इस परिवार की कहानी को एक त्रासदी में बदल दिया है।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि परिवार के अंदर के मतभेद और तनाव कभी-कभी कितने गंभीर परिणाम ला सकते हैं। सुरेश चंद अग्रवाल का जीवन एक प्रेरणा थी, लेकिन इस दुखद घटना ने एक नई कहानी को जन्म दिया है। अब सवाल यह है कि इस परिवार के सदस्य कैसे इस दुखद स्थिति से उबरेंगे और अपने जीवन को फिर से कैसे संवारेंगे।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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