ओपनएआई को जापानी स्टूडियोज़ से चेतावनी, Sora 2 पर उठे सवाल
नई दिल्ली: ओपनएआई एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में है। कंपनी को अपने नए एआई मॉडल, Sora 2, के संबंध में कई जापानी स्टूडियोज़ से चेतावनी मिली है। इस चेतावनी में आरोप लगाया गया है कि ओपनएआई ने कॉपीराइटेड सामग्री का दुरुपयोग किया है।
जापानी फिल्म और एनीमेशन स्टूडियोज़ की चिंता
कंटेंट ओवरसीज डिस्ट्रिब्यूशन एसोसिएशन (CODA), जो प्रमुख जापानी फिल्म और एनीमेशन स्टूडियोज़ का प्रतिनिधित्व करता है, ने ओपनएआई को एक लिखित अनुरोध भेजा है। CODA का दावा है कि 30 सितंबर को लॉन्च किया गया Sora 2, जापानी सामग्री, जिसमें दृश्य और एनीमेशन शैलियाँ शामिल हैं, का बिना अनुमति उपयोग कर सकता है।
CODA के अनुसार, Sora 2 द्वारा उत्पन्न कुछ छवियाँ और वीडियो जापानी कार्यों के बहुत निकट हैं, विशेषकर उन प्रसिद्ध स्टूडियोज़ से, जैसे कि स्टूडियो घिबली। यह संगठन मानता है कि ऐसा संभवतः इसलिए हुआ क्योंकि जापानी रचनात्मक कार्यों का एआई के प्रशिक्षण डेटा के रूप में उपयोग किया गया था।
कॉपीराइट उल्लंघन का खतरा
CODA ने चेतावनी दी है कि यदि एआई के प्रशिक्षण प्रक्रिया में कॉपीराइटेड सामग्री का उपयोग किया गया है, तो यह जापानी कानून के तहत कॉपीराइट उल्लंघन के रूप में गिना जा सकता है। समूह ने यह भी जोड़ा है कि ओपनएआई की वर्तमान “ऑप्ट-आउट” प्रणाली, जो रचनाकारों को अपनी सामग्री को हटाने के लिए अनुरोध करने की अनुमति देती है, जापान के कानूनी मानकों को पूरा नहीं करती है। जापान में, कंपनियों को कॉपीराइटेड सामग्री का उपयोग करने से पहले अनुमति प्राप्त करनी होती है, न कि बाद में।
CODA के द्वारा ओपनएआई से की गई मांगें
CODA के पत्र में ओपनएआई से दो मुख्य अनुरोध किए गए हैं – पहला, जापानी स्टूडियोज़ की सामग्री का प्रशिक्षण के लिए बिना अनुमति उपयोग न करना, और दूसरा, सदस्य स्टूडियोज़ से किसी भी कॉपीराइट शिकायत या प्रश्न का ईमानदारी से उत्तर देना।
- जापानी स्टूडियोज़ की सामग्री का अनुमति के बिना उपयोग न करें।
- कॉपीराइट शिकायतों का ईमानदारी से उत्तर दें।
इस संगठन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि ओपनएआई रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा करते हुए एआई प्रौद्योगिकी के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार तरीके से कार्य करेगा। हालाँकि, ओपनएआई ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
एआई और रचनात्मकता का संतुलन
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि एआई प्रौद्योगिकी और रचनात्मकता के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। जब भी कोई नई तकनीक उभरती है, तो उसके साथ जुड़े कानूनी और नैतिक मुद्दों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। ओपनएआई जैसी कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे रचनात्मक कार्यों का सम्मान करें और इसके लिए आवश्यक कदम उठाएं।
आगे चलकर यह देखना दिलचस्प होगा कि ओपनएआई इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या वह CODA द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान करने में सक्षम होगा। जापान में कॉपीराइट के प्रति सख्त दृष्टिकोण के चलते यह मामला और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। एआई प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ इसके कानूनी पहलुओं को भी ध्यान में रखना होगा ताकि रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी का एक सकारात्मक समन्वय स्थापित हो सके।























