भारत ने AI प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का अनावरण किया

इन दिशा-निर्देशों का औपचारिक अनावरण भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद द्वारा किया गया। | छवि: प्रेस सूचना ब्यूरो
भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने बुधवार को भारत AI शासन दिशा-निर्देश का अनावरण किया। यह दिशा-निर्देश IndiaAI मिशन के तहत सुरक्षित, समावेशी, और जिम्मेदार AI पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रखता है। ये दिशा-निर्देश नवाचार और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाने का लक्ष्य रखते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि AI समावेशी विकास और सार्वजनिक विश्वास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करे।
AI शासन के लिए सात प्रमुख सिद्धांत
इन दिशा-निर्देशों को सात guiding principles के चारों ओर संरचित किया गया है: विश्वास, लोग पहले, नवाचार पर रोक नहीं, निष्पक्षता और समानता, जवाबदेही, समझने योग्य डिजाइन, और सुरक्षा, स्थिरता और दीर्घकालिकता। सरकार ने इन सिद्धांतों को भारत के AI शासन दर्शन के “सात सूत्र” के रूप में नामित किया है।
मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद ने इस ढांचे के मूल तत्व को उजागर करते हुए कहा कि भारत के AI दृष्टिकोण का guiding principle “किसी को नुकसान न पहुँचाना” है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत का ढांचा नवाचार प्रयोगशालाओं और जोखिम शमन तंत्र को एक लचीले और अनुकूली नियामक वातावरण में मिलाएगा, जिससे AI नवाचार बिना सामाजिक सुरक्षा के समझौते के फल-फूल सके।
मानव-केंद्रित AI विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
MeitY के सचिव S. कृष्णन ने इस दृष्टि को दोहराते हुए कहा कि भारत AI शासन दिशा-निर्देश मानव-केंद्रित और जिम्मेदार AI विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि ये दिशा-निर्देश संभावित हानियों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि यह सुनिश्चित करते हैं कि AI नवाचार नैतिक और समावेशी हो। कृष्णन ने यह भी बताया कि भारत का दृष्टिकोण, जो इसके डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) पर आधारित है, देश को सुरक्षित AI अपनाने में एक वैश्विक उदाहरण के रूप में स्थापित करेगा।
AI शासन समूह और कार्य योजना
इस दस्तावेज़ में एक व्यापक ढांचे का विवरण दिया गया है जो शासन, नियमन, और निगरानी तंत्र को एकीकृत करता है। इसमें AI शासन समूह (AIGG) की स्थापना, तकनीकी और नीति विशेषज्ञ समिति (TPEC) और AI सुरक्षा संस्थान (AISI) का समर्थन शामिल है। ये संस्थाएँ राष्ट्रीय AI नीति, जोखिम मूल्यांकन, और तकनीकी सुरक्षा मानकों का समन्वय करेंगी।
दिशा-निर्देशों में एक कार्य योजना भी शामिल है, जिसमें शॉर्ट, मीडियम, और लॉन्ग-टर्म उपायों का विवरण है। यह उपाय भारत-विशिष्ट AI जोखिम ढांचे और घटना रिपोर्टिंग प्रणाली के विकास से लेकर जागरूकता कार्यक्रमों, जिम्मेदारी के ढाँचे बनाने, और उभरती AI प्रौद्योगिकियों के लिए नियामक प्रयोगशालाओं का संचालन तक का विस्तार करता है।
भविष्य के लिए तैयार AI पारिस्थितिकी तंत्र
भारत-AI प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 से पहले यह अनावरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारत की वैश्विक AI शासन संवादों में नेतृत्व की दृढ़ता को दर्शाता है, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए। भारत AI शासन दिशा-निर्देशों का अनावरण इस बात की पुष्टि करता है कि देश एक भविष्य-तैयार, सुरक्षित, और विश्वसनीय AI पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है, यह सुनिश्चित करते हुए कि AI नैतिक, समावेशी, और जवाबदेह बना रहे।
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