AI से मिली 19 साल बाद संतान, दंपति ने किया चमत्कारिक बच्चे का स्वागत

सारांश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से 19 साल बाद माता-पिता बने एक दम्पत्ति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने एक बार फिर साबित किया है कि इसकी असली शक्ति उन कार्यों को करने में है, जो कभी-कभी सबसे कुशल मानव हाथ भी नहीं कर सकते। यह कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है, जिसमें एक दम्पत्ति, जो 19 […]

kapil6294
Nov 04, 2025, 5:35 PM IST

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से 19 साल बाद माता-पिता बने एक दम्पत्ति

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने एक बार फिर साबित किया है कि इसकी असली शक्ति उन कार्यों को करने में है, जो कभी-कभी सबसे कुशल मानव हाथ भी नहीं कर सकते। यह कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है, जिसमें एक दम्पत्ति, जो 19 लम्बे वर्षों से बांझपन की समस्या से जूझ रहा था, ने आखिरकार अपने पहले बच्चे का स्वागत किया। यह सब संभव हुआ एक AI प्रणाली की मदद से, जिसने 2.5 मिलियन सूक्ष्म चित्रों में से केवल दो जीवित शुक्राणुओं का पता लगाया।

दंपत्ति की कठिनाई और AI का योगदान

इस मामले को The Lancet में प्रकाशित किया गया है, जो यह दर्शाता है कि AI प्रजनन उपचार के भविष्य को कैसे बदल रहा है। दम्पत्ति ने लगभग हार मान ली थी। 39 वर्षीय पुरुष को क्रिप्टोज़ूस्पर्मिया नामक स्थिति का सामना करना पड़ा, जिसका अर्थ है कि उसकी शुक्राणु संख्या इतनी कम थी कि विशेषज्ञ भी उन्हें सूक्ष्मदर्शी के नीचे नहीं ढूंढ पाए। वर्षों में, उन्होंने कई दर्दनाक प्रक्रियाओं का सामना किया, जिसमें टेस्टिकुलर शुक्राणु निकासी शामिल है, लेकिन डॉक्टरों ने केवल कुछ दुर्लभ शुक्राणुओं का पता लगाया, जो जीवन उत्पन्न करने के लिए काफी नहीं थे।

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उनकी पत्नी, जो 37 वर्ष की हैं, ने भी अपनी चुनौतियाँ झेली। उनकी अंडाशय की क्षमता बहुत कम थी, जिसके कारण उन्होंने चार प्रजनन केंद्रों में 19 अंडा निकासी चक्रों का सामना किया। अनगिनत प्रयासों के बावजूद, जिसमें अंडा फ्रीज़िंग और निषेचन परीक्षण शामिल थे, हर प्रयास में दिल टूट गया। उनके पास एक भी ऐसा भ्रूण नहीं बचा जो उन्हें आशा दे सके।

AI द्वारा किया गया चमत्कार

फिर आया एक बड़ा मोड़। वैज्ञानिकों ने एक नई AI-संचालित प्रणाली का उपयोग किया जिसे Sperm Tracking and Recovery (STAR) कहा जाता है, जो लाखों चित्रों को तेजी से और अधिक सटीकता से स्कैन और विश्लेषण करने के लिए डिज़ाइन की गई है। केवल दो घंटों में, STAR प्रणाली ने पुरुष के वीर्य नमूने के 2.5 मिलियन सूक्ष्म चित्रों का स्कैन किया और सात शुक्राणुओं का पता लगाया, जिनमें से दो जीवित और गतिशील थे।

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उन दो कीमती शुक्राणुओं को दो परिपक्व अंडों में इंजेक्ट किया गया। दोनों भ्रूण विकसित हुए और महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिए गए। लगभग दो दशकों के इंतज़ार के बाद, दम्पत्ति ने आखिरकार अपना पहला सकारात्मक गर्भावस्था परीक्षण देखा।

गर्भावस्था की पुष्टि और भविष्य के संकेत

आठ सप्ताह पर, एक अल्ट्रासाउंड ने यह पुष्टि की कि दम्पत्ति ने वर्षों से जो सपना देखा था, वह सच हो रहा है – एक स्वस्थ गर्भावस्था जिसमें प्रति मिनट 172 धड़कनें हैं। यह मामला सिर्फ एक चिकित्सा सफलता नहीं है, बल्कि यह एक संकेत है कि AI प्रजनन चिकित्सा में संभावनाओं को कैसे फिर से लिख रहा है, लाखों दम्पत्तियों को आशा प्रदान कर रहा है जो सोचते थे कि विज्ञान ने अपनी सीमाएँ पार कर ली हैं।

AI का भविष्य और प्रजनन चिकित्सा

यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे तकनीकी उन्नति और विज्ञान ने हमारे जीवन को कितना बदल दिया है। AI की मदद से, दम्पत्तियों को अब नई संभावनाएँ मिल रही हैं, जो पहले असंभव मानी जाती थीं। प्रजनन चिकित्सा में AI का उपयोग न केवल उपचार की प्रक्रिया को तेज करता है, बल्कि यह सफलता की संभावनाओं को भी बढ़ाता है।

यह घटना हमारे लिए एक सबक है कि जब हम निराश होते हैं, तो हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। विज्ञान और तकनीक के इस युग में, न केवल चिकित्सा क्षेत्र में, बल्कि हर क्षेत्र में नई संभावनाएँ और अवसर उपलब्ध हैं।

अंत में, यह कहानी हमें यह याद दिलाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, समर्थन, तकनीक और शोध के माध्यम से, हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। यह दंपत्ति की यात्रा एक प्रेरणा है, जो यह दिखाती है कि कभी-कभी सबसे कठिन रास्ते पर चलने वाले लोग ही असली चमत्कारों को देख सकते हैं।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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