श्रीनगर में भारतीय हेवन प्रीमियर लीग का बड़ा घोटाला
श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में चल रही टी-20 इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (आईएचपीएल) के आयोजकों ने खिलाड़ियों को बिना भुगतान किए होटल में छोड़कर फरार हो जाने के मामले ने खेल जगत में हलचल मचा दी है। इस घटना में वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर क्रिस गेल सहित कई खिलाड़ियों और विदेशी अंपायरों को श्रीनगर के एक होटल में फंसे रहना पड़ा। हालांकि, प्रशासन के सहयोग से सभी खिलाड़ी सुरक्षित रूप से श्रीनगर से बाहर निकलने में सफल रहे।
यह घटना उस समय हुई जब आयोजक बिना किसी पूर्व सूचना के वहां से चले गए। घटना के बाद, खिलाड़ियों ने शिकायत की और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आयोजकों पर करोड़ों रुपये का बकाया है। इस लीग का आयोजन मोहाली की एक युवा सोसायटी द्वारा किया गया था, जिसके अध्यक्ष मिंदर सिंह और सदस्य निर्मल सिद्धू ने इस लीग का बड़े पैमाने पर प्रचार किया था। यह लीग 26 अक्टूबर से 8 नवंबर तक चलने वाली थी, जिसमें 32 पूर्व अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय रणजी खिलाड़ी भाग ले रहे थे।
क्रिस गेल समेत कई खिलाड़ियों के साथ हुआ धोखा
इस लीग में क्रिस गेल ने तीन मैच खेले थे। उनके अलावा भारत के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार, श्रीलंका के पूर्व आलराउंडर थिसारा परेरा, दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी रिचर्ड लेवी और ओमान के अयान खान ने भी भाग लिया। इसके अलावा, न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल, इंग्लैंड के मोइन अली और बांग्लादेश के शाकिब-उल-हसन को भी इस लीग में शामिल होना था।
आयोजकों ने खिलाड़ियों के ठहरने के लिए श्रीनगर के राजबाग इलाके में नौ नवंबर तक 100 से अधिक कमरे बुक किए थे। समस्या तब उत्पन्न हुई जब होटल मालिकों ने आयोजकों से भुगतान की मांग की। जब आयोजकों से संपर्क किया गया, तो पता चला कि वे होटल छोड़कर फरार हो चुके हैं। इसके बाद होटल में हंगामा मच गया और खिलाड़ियों ने प्रशासन को सूचित किया। आयोजकों का फोन भी बंद पाया गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
सरकार की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के खेल मंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि कुछ अनियमितता हुई है, तो उस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) ने स्पष्ट किया कि आयोजकों ने न तो उनसे संपर्क किया और न ही आयोजन के लिए कोई स्वीकृति ली। जेकेसीए ने कहा कि वे किसी भी तरह से इस प्रतियोगिता के आयोजन या क्रियान्वयन से जुड़े नहीं हैं।
खिलाड़ियों की सुरक्षा और भविष्य की चिंताएँ
इस घटना ने खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर कई सवाल उठाए हैं। ऐसे समय में जब क्रिकेट जैसे बड़े खेल में धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं, खिलाड़ियों और प्रशंसकों के बीच विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है। आयोजकों की इस लापरवाही ने न केवल खिलाड़ियों को संकट में डाला, बल्कि पूरे खेल जगत की छवि को भी धूमिल किया है।
आगे चलकर यह देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन और संबंधित संघ क्या कदम उठाते हैं और खिलाड़ियों को इस धोखाधड़ी से कैसे न्याय मिलता है। खेल के प्रति इस तरह की अनियमितताएँ न केवल खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रभावित करती हैं बल्कि इस खेल के प्रति युवा खिलाड़ियों की रुचि को भी कम कर सकती हैं।
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि खेल आयोजनों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाना अत्यधिक आवश्यक है, ताकि भविष्य में खिलाड़ियों को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।






















