आईसीसी ने एशिया कप-2025 में विवादों पर किया सजा का एलान
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने एशिया कप-2025 के दौरान हुए विवादों के संबंध में सजा का ऐलान किया है। इस निर्णय ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को एक बार फिर से विवादों में डाल दिया है। आईसीसी ने टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों द्वारा किए गए आचार संहिता के उल्लंघनों के मामले में तेज गेंदबाज हारिस रऊफ पर दो मैचों का बैन लगाया है। इस निर्णय से न केवल रऊफ की व्यक्तिगत उपलब्धियों को झटका लगा है, बल्कि पाकिस्तान की टीम को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
भारत-पाक मैचों में हुई विवादास्पद घटनाएं
भारत और पाकिस्तान के बीच 14, 21 और 28 सितंबर को खेले गए मैचों के दौरान कई विवादास्पद घटनाएँ हुईं, जिनकी सुनवाई एमिरेट्स ICC एलीट पैनल ऑफ मैच रेफरीज के सदस्यों ने की। इन तीनों मैचों में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जिससे तनाव और बढ़ गया। इसके अलावा, पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने कई उकसाने वाली हरकतें की थीं, जो कि खेल की भावना के खिलाफ थीं।
पहला मैच: रऊफ की स्लेजिंग और अन्य घटनाएं
14 सितंबर को एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच पहला मैच खेला गया था। इस मैच में हारिस रऊफ ने भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ स्लेजिंग की, जो खेल के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ कई उकसाने वाले इशारे किए, जिनमें जेट प्लेन गिराने और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में तंज शामिल था। इस मैच में सूर्यकुमार यादव, साहिबजादा फरहारान और रऊफ को आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.21 के उल्लंघन का दोषी पाया गया।
जहाँ सूर्यकुमार यादव पर 30 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया गया, वहीं उन्हें दो डीमेरिट अंक भी दिए गए। फरहान को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, जबकि रऊफ को भी 30 प्रतिशत मैच फीस के साथ दो डीमेरिट अंक मिले। इस प्रकार, पहले मैच में विवाद ने सभी खिलाड़ियों को प्रभावित किया।
दूसरे मैच में आक्रामकता का स्तर बढ़ा
21 सितंबर को खेले गए दूसरे मैच में दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच आक्रामकता बढ़ गई। इस मामले की सुनवाई मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने की। भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने भी कुछ इशारे किए थे, लेकिन उन्हें दोषमुक्त पाया गया और उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मैच में खिलाड़ियों की आक्रामकता ने खेल के माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया।
फाइनल में बुमराह और रऊफ का विवाद
फाइनल मैच में, जो 28 सितंबर को खेला गया, भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने विकेट लेने के बाद हेलीकॉप्टर गिराने का इशारा किया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। उन पर भी खेल भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप लगे थे। हालांकि, बुमराह को केवल चेतावनी और एक डीमेरिट अंक देकर छोड़ दिया गया। वहीं, रऊफ ने भी इस मैच में गलत व्यवहार किया, जिसके लिए उन्हें 30 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना और दो डीमेरिट अंक दिए गए।
रऊफ की सजा और उसके परिणाम
इस तरह, हारिस रऊफ के खिलाफ कुल चार डीमेरिट अंक हो गए, जो कि दो सस्पेंशन अंकों में बदल गए हैं। आईसीसी के नियमों के अनुसार, रऊफ अब अगले दो मैच नहीं खेल पाएंगे, जिसका सीधा असर उनकी टीम पर पड़ेगा। इसका मतलब है कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले दो वनडे मैचों में शामिल नहीं हो पाएंगे। यह सजा उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका है और टीम के लिए भी एक कठिनाई का कारण बनेगा।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि क्रिकेट केवल खेल नहीं है, बल्कि यह एक भावना और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है, जिसमें खेल भावना का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। आईसीसी के इस निर्णय से खिलाड़ियों को एक संदेश मिलता है कि उन्हें खेल के दौरान संयम बनाए रखना चाहिए और आचार संहिता का पालन करना चाहिए।























