27 मिनट पहले
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की वोटिंग शुरू
आज सुबह 9 बजे से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया आरंभ हो गई है। वोटिंग का यह सिलसिला शाम 5:30 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद रात 9 बजे से वोटों की गणना की जाएगी। चुनाव परिणाम की घोषणा 6 नवंबर को की जाएगी।
सुबह से ही पोलिंग बूथ के बाहर छात्रों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी यहाँ उपस्थित हैं, जो छात्रों से अपने पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे हैं।
मुख्य पदों के लिए हो रहा चुनाव
इस बार के चुनाव में चार प्रमुख पदों – प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, जनरल सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी के लिए मतदान हो रहा है। इन पदों के लिए कुल 20 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

लेफ्ट और अन्य दलों का चुनावी गठबंधन
इस बार लेफ्ट की तीन प्रमुख पार्टियों – SFI, AISA और DSF ने मिलकर एक लेफ्ट अलायंस का गठन किया है। इस गठबंधन से अदिति मिश्रा प्रेसिडेंट पद के लिए, किजाकूत गोपिका बाबू वाइस-प्रेसिडेंट के लिए, सुनील यादव जनरल सेक्रेटरी और दानिश अली जॉइंट सेक्रेटरी के पद के लिए चुनाव में खड़े हैं।
वहीं, ABVP की ओर से विकास पटेल, तान्या कुमारी, राजेश्वर कान्त दुबे और अनुज चुनावी मैदान में हैं। NSUI की तरफ से विकास बिश्नोई, शेख शाहनवाज आलम, प्रीति मलिक और कुलदीप ओझा JNUSU के लिए खड़े हुए हैं।
पिछले चुनाव के नतीजों का असर
इलेक्शन कमेटी के अनुसार, इस साल कुल 9,043 छात्र वोट डालने के योग्य हैं। पिछले साल AISA के नीतीश कुमार ने प्रेसिडेंट पद पर जीत हासिल की थी, जबकि ABVP के वैभव मीणा ने जॉइंट सेक्रेटरी का पद अपने नाम किया था। यह ABVP के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी, क्योंकि पिछले 10 साल में यह उनका पहला चुनावी जीत है।
चुनाव से जुड़ी अन्य जानकारियाँ
छात्र संघ चुनाव का यह आयोजन हर साल किया जाता है और यह छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक गतिविधि है। यह न केवल विश्वविद्यालय के प्रशासन के साथ संवाद का एक मंच है, बल्कि छात्रों के अधिकारों और मुद्दों को उठाने का भी एक साधन है।

NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने हाल ही में एक पब्लिक नोटिस जारी किया है जिसमें JEE मेन्स 2026 में कैलकुलेटर के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसे ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी चाहिए।
इस चुनाव के नतीजे न केवल विश्वविद्यालय के अंदर बल्कि बाहर भी राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने का कार्य करेंगे। छात्रों की सक्रिय भागीदारी और उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अगले वर्ष की छात्र राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।






















