GenZ का मिडिल मैनेजमेंट के प्रति नजरिया
हाल ही में लंदन स्थित ग्लोबल रिक्रूटमेंट और टैलेंट सॉल्यूशन्स कंपनी रॉबर्ट वॉलटर्स द्वारा किए गए एक सर्वे में यह स्पष्ट हुआ है कि युवा पीढ़ी, विशेषकर GenZ, मिडिल मैनेजमेंट की भूमिका को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है। इस सर्वे में शामिल **52% GenZ प्रोफेशनल्स** ने कहा कि वे मिडिल मैनेजर्स नहीं बनना चाहते हैं। इसके पीछे का कारण बताया गया है कि इन पदों में **फायदा कम** और **स्ट्रेस बहुत ज्यादा** है।
सर्वे में यह भी सामने आया है कि **69% प्रतिभागियों** ने मिडिल मैनेजर्स की स्थिति को नकारात्मक बताया। इस संबंध में, 18% लोगों ने कहा कि मिडिल मैनेजर्स के पास निर्णय लेने की शक्ति बहुत सीमित होती है, जबकि **11%** ने माना कि इनकी ग्रोथ संभावनाएं भी बहुत सीमित होती हैं।
मिडिल मैनेजर्स का तनाव
दूसरी ओर, कैपटैर्रा द्वारा किए गए एक अलग सर्वे में **75% मिडिल मैनेजर्स** ने स्वीकार किया कि वे तनावग्रस्त और थका हुआ महसूस करते हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि वर्तमान कार्य वातावरण में मिडिल मैनेजमेंट की भूमिका कितनी चुनौतीपूर्ण हो गई है।
सर्वे में हिस्सा लेने वाले **73% GenZ कर्मचारियों** ने स्पष्ट किया कि वे दूसरों को मैनेज करने के बजाय अपनी व्यक्तिगत ग्रोथ और स्किल्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। **36%** ने कहा कि उन्हें न चाहते हुए भी कभी न कभी मैनेजर बनना पड़ेगा, जबकि **16%** ने मिडिल मैनेजमेंट के काम से पूरी तरह बचने की इच्छा व्यक्त की है।
बड़ी कंपनियों की रणनीतियां और बदलाव
यह सर्वे तब सामने आया है जब विश्व की कई बड़ी कंपनियों, जैसे **Meta** और **सिटीग्रुप**, ने मिडिल मैनेजमेंट के कई पदों को समाप्त कर दिया है। हाल ही में हुए ले-ऑफ में मिडिल मैनेजमेंट के कर्मचारियों का **30%** हिस्सा शामिल था।
उम्र के संदर्भ में, सर्वे में शामिल **63%** लोगों ने कहा कि अधिक उम्र के लोग मैनेजमेंट के पदों को बेहतर तरीके से संभालते हैं। यह सुझाव देता है कि कंपनियों को युवा और अनुभवी कर्मचारियों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
भविष्य की चुनौतियां
रॉबर्ट वॉलटर्स नॉर्थ के डायरेक्टर लूसी बिस्सेट का कहना है, “GenZ एक उद्यमी की तरह सोचते हैं और वे किसी भी प्रोजेक्ट में खुद को पूरी तरह से लगाना चाहते हैं। वे खुद को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में अधिक रुचि रखते हैं, न कि दूसरों को मैनेज करते हुए समय बिताने में।” हालांकि, यह प्रवृत्ति कंपनियों के लिए आगे चलकर एक समस्या बन सकती है।
सर्वे के नतीजों के अनुसार, केवल **14% GenZ** मानते हैं कि वर्तमान कॉर्पोरेट सेटअप अभी भी कार्यक्षम है। वहीं, **30%** ने कहा कि उन्हें टीम वर्क का ढांचा अधिक पसंद है। यह स्पष्ट है कि युवा पीढ़ी परंपरागत कमांड और कंट्रोल मॉडलों के बजाय सहयोग पर जोर देती है।
कंपनियों को बदलनी होगी रणनीति
इसके बावजूद, मिडिल लेवल मैनेजमेंट के पद कंपनियों में अभी भी आवश्यक बने हुए हैं। सर्वे में शामिल **89% लोगों** ने इस बात को स्वीकार किया है। ऐसे में, कंपनियों को मिडिल-लेवल पदों के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिए अपनी रणनीतियों में बदलाव करना होगा।
इस सर्वेक्षण के परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि GenZ की मानसिकता और कार्यशैली में बदलाव आ रहा है, जो भविष्य के कॉर्पोरेट वातावरण को प्रभावित कर सकता है। कंपनियों को इस नए दृष्टिकोण को समझते हुए अपनी नीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।























