आईआईटी दिल्ली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पेशेवर प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किए
आई-हब फाउंडेशन फॉर कोबोटिक्स (IHFC), जो कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली का टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब है, ने Simplilearn और Microsoft के साथ मिलकर दो पेशेवर प्रमाणन कार्यक्रमों की शुरुआत की है। ये कार्यक्रम भारत की कार्यशक्ति को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में अत्याधुनिक कौशल से सुसज्जित करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
इन कार्यक्रमों में शामिल हैं: डेटा एनालिटिक्स, जनरेटीव एआई और एडाप्टिव सिस्टम्स में पेशेवर प्रमाणपत्र और जनरेटीव एआई, मशीन लर्निंग और इंटेलिजेंट ऑटोमेशन में पेशेवर प्रमाणपत्र। इन्हें शैक्षणिक अनुसंधान और उद्योग अनुप्रयोगों के बीच के फासले को पाटने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा पेशेवरों की बढ़ती मांग
IHFC के अनुसार, यह पहल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा पेशेवरों की बढ़ती मांग के बीच हुई है। भारत का जनरेटिव एआई बाजार 2030 तक 34 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ बढ़ने की उम्मीद है।
IHFC–TIH, IIT दिल्ली के CEO आशुतोष दत्त शर्मा ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारतीय तकनीकी पेशेवरों को उद्योग के लिए सबसे प्रासंगिक और अनुसंधान-समर्थित अध्ययन कार्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करना है।” उन्होंने आगे जोड़ा, “Microsoft और Simplilearn के साथ सहयोग करके, हम कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार AI कौशल से सुसज्जित करने का लक्ष्य रखते हैं और शैक्षणिक नवाचार और औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच संबंध को मजबूत करना चाहते हैं।”
प्रोग्राम के विवरण और विशेषताएँ
पहला कार्यक्रम जो डेटा एनालिटिक्स और जनरेटीव एआई पर केंद्रित है, इसमें Excel, SQL, Tableau, Python, और IBM के मॉड्यूल शामिल किए गए हैं, साथ ही इसमें उन्नत AI अनुप्रयोगों का भी समावेश है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों को एक कैपस्टोन प्रोजेक्ट पूरा करना होगा और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, विश्लेषण, और जिम्मेदार AI कार्यान्वयन का अनुभव प्राप्त होगा।
दूसरा कार्यक्रम पूर्ण AI पारिस्थितिकी तंत्र को कवर करता है, जिसमें डेटा विज्ञान, गहन अध्ययन, NLP, कंप्यूटर दृष्टि, और MLOps शामिल हैं। इसमें 12 से अधिक परियोजनाएँ और 20 औद्योगिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। प्रतिभागियों को IHFC के संकाय और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा मास्टरक्लास का अनुभव प्राप्त होगा, साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में कैम्पस इमर्शन के अवसर और चयनित नवप्रवर्तकों के लिए 2 करोड़ रुपये तक की इन्क्यूबेशन सहायता भी मिलेगी।
संस्थान और उद्योग के बीच संबंध को मजबूत करना
सिंप्लीलर्न के सह-संस्थापक और COO काश्यप दालाल ने कहा कि ये कार्यक्रम पेशेवरों को उन भूमिकाओं के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखते हैं जो “नवीनतम जनरेटिव AI उपकरणों का उपयोग करके वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान करती हैं और विभिन्न उद्योगों में नवाचार को बढ़ावा देती हैं।”
इन कार्यक्रमों के स्नातकों को IHFC–IIT दिल्ली और Microsoft से संयुक्त प्रमाणन प्राप्त होगा, साथ ही उन्हें करियर समर्थन और मार्गदर्शन के अवसर भी मिलेंगे। यह पहल न केवल तकनीकी कौशल को बढ़ावा देगी, बल्कि भारतीय युवा पेशेवरों के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ाएगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार, IIT दिल्ली के IHFC की यह पहल भारत में AI और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल छात्रों और पेशेवरों को उनके करियर में सहायता करेगी, बल्कि यह भारत को एक AI और डेटा विज्ञान केंद्र बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।























