कार्तिक पूर्णिमा के नियम | Image: Meta AI
कार्तिक पूर्णिमा 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन साल के सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान, स्नान और दीपदान हजार गुना फल देता है। लेकिन शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि अगर इस दिन कुछ गलतियां हो जाएं, तो देवी-देवता नाराज हो जाते हैं और घर में दरिद्रता, कलह और परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा 2025 पर कौन सी चीजें भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।
झगड़ा या गुस्सा करने से बचें
कार्तिक पूर्णिमा का दिन शांत मन से पूजा-पाठ और भक्ति का होता है। इस दिन घर में झगड़ा या किसी से बहस करना बहुत अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी नाराज हो सकते हैं, जिससे घर का सुख-शांति खत्म हो सकती है। इसलिए, इस दिन हर किसी के साथ प्रेम और सद्भावना से पेश आना चाहिए।
दीपक न बुझने दें
कार्तिक पूर्णिमा की रात दीपदान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा, सरोवर या घर के मंदिर में जलाया गया दीपक पूरी रात जलता रहना चाहिए। इसे बुझाना या गलती से बुझ जाने देना अपशकुन माना जाता है। ऐसा करने से धन की हानि और दरिद्रता का प्रभाव बढ़ सकता है। इसलिए दीपक को पूरी रात जलता रहना चाहिए ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता रहे।
दूसरों का अपमान या बुरा बोलना नहीं चाहिए
इस दिन किसी की निंदा, आलोचना या अपमान करना बहुत बड़ा पाप माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को भगवान स्वयं पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन हर किसी के साथ प्रेम और विनम्रता से व्यवहार करना अनिवार्य है। दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाना और उनके प्रति सकारात्मकता बनाए रखना इस दिन की विशेषता है।
मांस, शराब या नशे से दूर रहें
कार्तिक पूर्णिमा को पूर्ण रूप से सात्विक दिन माना गया है। इस दिन मांसाहार, शराब या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करना धार्मिक दृष्टि से गलत है। ऐसा करने से पुण्य नष्ट हो जाता है और पाप का प्रभाव बढ़ता है। इस दिन सात्विक आहार का सेवन करना और साधना में लिप्त रहना चाहिए।
लक्ष्मी पूजन के बाद झाड़ू या सफाई न करें
शाम को लक्ष्मी पूजन के बाद झाड़ू लगाने या घर की सफाई करने से देवी लक्ष्मी के घर से जाने का डर रहता है। इसलिए पूजा के बाद घर का दरवाजा खुला छोड़ें और दीपक जलते रहने दें ताकि माता लक्ष्मी का आगमन हो सके। इस दिन घर में सकारात्मक ऊर्जा बने रहनी चाहिए।
गरीबों को अपमानित न करें
इस दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। लेकिन अगर कोई जरूरतमंद आपसे मदद मांगे और आप उसे डांट दें या अपमानित करें, तो यह बहुत बड़ा पाप माना जाता है। कोशिश करें कि किसी भूखे को भोजन कराएं या गरीबों में कपड़े, अन्न या जरूरत का सामान बांटें। यह न केवल धर्म का पालन है, बल्कि समाज में एकता और सद्भावना को भी बढ़ावा देता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2025 का दिन सिर्फ पूजा का नहीं बल्कि आत्म-शुद्धि और भक्ति का दिन है। इस दिन किए गए अच्छे कर्म जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं, वहीं छोटी सी गलती भी नकारात्मक प्रभाव दे सकती है। इसलिए इस दिन मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहकर भगवान विष्णु, लक्ष्मी और शिव की पूजा करें और दीपदान जरूर करें।
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