Virus: MP के सात जिलों में लंपी संक्रमण, अलर्ट जारी

kapil6294
Nov 05, 2025, 1:32 AM IST

सारांश

मध्य प्रदेश के कई जिलों में लंपी स्किन डिसीज के मामले आए सामने मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पशुओं में लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) के मामले सामने आए हैं। झाबुआ, रतलाम, बैतूल, बड़वानी, सिवनी, सागर एवं भोपाल जिलों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला में इस बीमारी की […]

मध्य प्रदेश के कई जिलों में लंपी स्किन डिसीज के मामले आए सामने

मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पशुओं में लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) के मामले सामने आए हैं। झाबुआ, रतलाम, बैतूल, बड़वानी, सिवनी, सागर एवं भोपाल जिलों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पशुपालन विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है।

यह बीमारी मुख्य रूप से गायों और भैंसों को प्रभावित करती है और इसके संक्रमण से पशुओं में त्वचा पर घाव, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पशुपालन विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपने पशुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत veterinarians से संपर्क करें।

लंपी स्किन डिसीज के लक्षण और प्रभाव

लंपी स्किन डिसीज एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से *Capripoxvirus* नामक वायरस के कारण होता है। यह बीमारी विभिन्न तरीकों से फैलती है, जैसे कि संक्रमित पशुओं के संपर्क में आना या मच्छरों और अन्य कीड़ों के माध्यम से। इसके कुछ प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • त्वचा पर घाव: पशुओं की त्वचा पर गांठें और घाव दिखाई देते हैं।
  • बुखार: संक्रमित पशुओं को उच्च बुखार हो सकता है।
  • भोजन में कमी: बीमार पशु सामान्य से कम भोजन करते हैं।
  • कमजोरी: रोग के कारण पशुओं में कमजोरी और सुस्ती आ जाती है।

यह बीमारी पशुपालकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इससे न केवल पशुओं की सेहत प्रभावित होती है, बल्कि दूध उत्पादन में भी कमी आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आर्थिक नुकसान भी होता है।

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पशुपालन विभाग की सावधानियाँ और उपाय

पशुपालन विभाग ने इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं:

  • स्वास्थ्य जांच: सभी पशुपालकों को अपने पशुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए।
  • संक्रमित पशुओं का पृथक्करण: यदि किसी पशु में लंपी स्किन डिसीज के लक्षण दिखाई दें, तो उसे अन्य पशुओं से अलग कर देना चाहिए।
  • टीकाकरण: पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए टीकों का उपयोग करना चाहिए।
  • स्वच्छता: पशुओं के रहने की जगह को साफ और स्वच्छ रखना आवश्यक है।

इसके अलावा, विभाग ने पशुपालकों को सलाह दी है कि वे किसी भी संदेहास्पद स्थिति में तुरंत veterinarians से संपर्क करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संक्रमण और न फैले, पशुपालकों को जागरूकता फैलाने में भी मदद करनी चाहिए।

समुदाय की भूमिका और जागरूकता

समुदाय की भागीदारी भी इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण है। स्थानीय संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और पशुपालकों को एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। पशुपालकों को यह समझना होगा कि लंपी स्किन डिसीज को रोकने के लिए जागरूकता और सावधानी आवश्यक है।

सरकारी और गैर-सरकारी दोनों संस्थाएं इस दिशा में कार्य कर रही हैं। पशुपालन विभाग ने विभिन्न स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिसमें पशुओं की देखभाल और बीमारी के लक्षणों की पहचान करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह प्रयास किसानों को न केवल बीमारी के बारे में जागरूक करेगा, बल्कि उन्हें इसके प्रबंधन के लिए आवश्यक साधनों और उपायों से भी अवगत कराएगा।

निष्कर्ष

लंपी स्किन डिसीज एक गंभीर समस्या है जो मध्य प्रदेश के पशुपालन क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता और सावधानी ही इसका सबसे बड़ा उपचार है। पशुपालन विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन कर और समुदाय की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से हम इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित कर सकते हैं।

आखिरकार, सही जानकारी और उचित कदम उठाने से हम अपने पशुओं की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं और कृषि क्षेत्र को भी सुदृढ़ बना सकते हैं। सभी पशुपालकों को इस समय सजग रहने की आवश्यकता है ताकि हम मिलकर इस चुनौती का सामना कर सकें।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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