Tragedy: पत्नी ने दो बेटों के साथ पिया जहर, पति ने बचाई जान

kapil6294
Nov 05, 2025, 10:18 AM IST

सारांश

छिंदवाड़ा: पारिवारिक विवाद के चलते महिला ने बच्चों के साथ कीटनाशक पीा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के बांसखेड़ा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने दो बच्चों के साथ कीटनाशक पी लिया। यह घटना गांव में उस समय घटी जब महिला […]

छिंदवाड़ा: पारिवारिक विवाद के चलते महिला ने बच्चों के साथ कीटनाशक पीा

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के बांसखेड़ा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने दो बच्चों के साथ कीटनाशक पी लिया। यह घटना गांव में उस समय घटी जब महिला और उसके पति के बीच किसी बात को लेकर तकरार हो गई। इस विवाद के चलते महिला ने इस गंभीर कदम उठाने का निर्णय लिया, जिससे उसकी और बच्चों की जान खतरे में पड़ गई।

घटना के बाद जब महिला ने कीटनाशक का सेवन किया, तो उसे और बच्चों को तुरंत उल्टियां होने लगीं। इस स्थिति को देखकर पति ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां के डॉक्टरों ने तत्परता से इलाज शुरू किया और अंततः तीनों की जान बचा ली। वर्तमान में मां और बच्चों की स्थिति अब खतरे से बाहर है, और वे अस्पताल में उपचार के बाद धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।

पारिवारिक विवाद में बढ़ते तनाव का असर

इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि किस प्रकार पारिवारिक विवादों का असर बच्चों पर पड़ता है। अक्सर हम देखते हैं कि घरेलू झगड़े और तनावपूर्ण वातावरण बच्चों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। छिंदवाड़ा की इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें अपने परिवारों में समझदारी और संवाद को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक विवादों के समय शांत रहना और समस्या का समाधान बातचीत के माध्यम से करना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि परिवार के सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं को समझें और संवाद करें, तो ऐसे विवादों से बचा जा सकता है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि मानसिक तनाव का शिकार लोग कभी-कभी ऐसे कड़े कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं, जो न केवल उनके लिए बल्कि उनके बच्चों के लिए भी घातक हो सकते हैं।

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सामाजिक समर्थन की आवश्यकता

इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सामाजिक समर्थन और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। समाज में अगर हम एक-दूसरे की मदद करने का प्रयास करें और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करें, तो हम ऐसे गंभीर मामलों को रोकने में सफल हो सकते हैं। स्थानीय समुदायों को भी चाहिए कि वे एकजुट होकर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करें और परिवारों में तनाव कम करने के लिए उपाय करें।

छिंदवाड़ा में घटित इस घटना ने सभी को यह याद दिलाया है कि जीवन में सामंजस्य और प्यार की कितनी आवश्यकता होती है। हमें अपने आस-पास के लोगों की मदद करने के लिए सतर्क रहना चाहिए और उन्हें सुनना चाहिए, ताकि वे अपने मन की बात कह सकें।

आगे की कार्रवाई और जागरूकता

अब जब महिला और उसके बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए। पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में कोई और इस तरह की घटना का शिकार न हो। इसके अलावा, सरकार और गैर सरकारी संगठनों को भी चाहिए कि वे परिवारों के बीच संवाद बढ़ाने और तनाव कम करने के लिए कार्यक्रम चलाएं।

अंततः, इस तरह की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें जीवन में कठिनाइयों का सामना करने के लिए एक दूसरे का साथ देना चाहिए। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा और परिवारों को मजबूत बनाना होगा। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने आस-पास के लोगों की भावनाओं का सम्मान करें और उन्हें सही मार्ग पर ले जाने का प्रयास करें।

यही समय है जब हमें अपने समाज में एक नई सोच और दृष्टिकोण लाने की आवश्यकता है, ताकि हम सभी एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकें।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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