Railway: यात्रियों के साथ हुई बड़ी लापरवाही, 350 किमी खड़े रहे

सारांश

भारतीय रेल: हजरत निजामुद्दीन से यशवंतपुर तक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में हुई बड़ी चूक भारतीय रेलवे में अक्सर तकनीकी और प्रबंधन संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं, लेकिन हाल ही में एक घटना ने यात्रियों को खासा परेशान कर दिया। हजरत निजामुद्दीन से यशवंतपुर जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12650) में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण […]

kapil6294
Nov 04, 2025, 9:54 PM IST

भारतीय रेल: हजरत निजामुद्दीन से यशवंतपुर तक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में हुई बड़ी चूक

भारतीय रेलवे में अक्सर तकनीकी और प्रबंधन संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं, लेकिन हाल ही में एक घटना ने यात्रियों को खासा परेशान कर दिया। हजरत निजामुद्दीन से यशवंतपुर जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12650) में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण गलती हुई। रेलवे ने थर्ड एसी की एक बोगी में 51 यात्रियों का रिजर्वेशन तो कर दिया, लेकिन उस बोगी को ट्रेन में लगाना ही भूल गया। इस वजह से हजारों यात्रियों को काफी देर तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।

हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर जब यात्री अपनी बोगी का इंतजार कर रहे थे, तब उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनकी बोगी ही ट्रेन में मौजूद नहीं है। इससे यात्रियों में गुस्सा और निराशा का माहौल बना रहा। कई यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से शिकायत की, लेकिन समस्या का समाधान तुरंत नहीं हो पाया। यह घटना रेलवे की प्रबंधन क्षमता पर सवाल उठाती है, खासकर तब जब यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

यात्रियों की प्रतिक्रिया और रेलवे की जिम्मेदारी

यात्रियों ने इस घटना को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। कुछ यात्रियों का कहना था कि रेलवे का यह लापरवाह रवैया दर्शाता है कि यात्रियों की सुरक्षा और संतोष को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। एक यात्री ने कहा, “हमने पहले से बुकिंग की थी, लेकिन जब हम स्टेशन पहुंचे तो हमें पता चला कि हमारी बोगी ही नहीं है। यह बहुत ही निराशाजनक है।”

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यात्रियों का मानना है कि केवल कार्रवाई से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि रेलवे को अपने प्रबंधन प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

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रेलवे की समस्याएं और समाधान

भारतीय रेलवे की यह घटना कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाती है:

  • प्रबंधन की क्षमता: क्या रेलवे के पास यात्रियों के बढ़ते दबाव को संभालने के लिए पर्याप्त प्रबंधन है?
  • तकनीकी खामियां: क्या तकनीकी उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त हैं, या उन्हें अपग्रेड करने की आवश्यकता है?
  • यात्री सुरक्षा: क्या रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और संतोष को प्राथमिकता दे रहा है?

इन सवालों का जवाब ढूंढना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाए। यात्रियों की सुरक्षा और संतोष को प्राथमिकता देना ही भारतीय रेलवे का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।

भविष्य की योजना और उम्मीदें

रेलवे का आधिकारिक बयान यह है कि वह इस घटना से सीख लेकर भविष्य में बेहतर सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करेगा। रेलवे मंत्रालय ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए नई नीतियों पर चर्चा की जाएगी।

यात्री उम्मीद कर रहे हैं कि रेलवे अपने सेवाओं में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों। भारतीय रेलवे के विकास और सुधार के लिए यह समय की मांग है। यात्रियों की राय को ध्यान में रखते हुए उन्हें बेहतर अनुभव प्रदान किया जाना चाहिए।

इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय रेलवे को अपने कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है। जब तक यात्री संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक रेलवे की सेवाएं विश्वस्तरीय नहीं बन सकतीं।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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