मध्य प्रदेश में सियासत का नया मोड़: लाखन सिंह और ग्रामीणों के बीच तकरार
मध्य प्रदेश में इन दिनों बेमौसम बारिश के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। हाल ही में भितरवार विधानसभा के पूर्व विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे लाखन सिंह यादव गढ़ाजर गांव में पहुंचे। उनका यह दौरा फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए था, लेकिन गांव के लोगों ने उनसे उनके 15 साल के कार्यकाल का हिसाब मांग लिया, जिससे पूर्व मंत्री बौखला गए।
लाखन सिंह ने कहा, “मेरे 15 साल के कार्यकाल में कभी मुर्दाबाद के नारे नहीं लगे।” इस बयान के बाद स्थिति और भी तंग हो गई और उन्होंने वर्तमान विधायक का नाम लिए बिना कहा कि उनके पूर्वज भी उनकी बराबरी नहीं कर सकते। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
विधायक मोहन सिंह का प्रतिवाद
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्तमान विधायक मोहन सिंह राठौर ने कहा, “मुर्दों के कभी मुर्दाबाद के नारे नहीं लगते।” उन्होंने लाखन सिंह पर आरोप लगाया कि वह 15 साल से इलाके में सक्रिय नहीं रहे और अब जब चुनाव का माहौल गरम हो रहा है, तो वह किसानों के बीच आकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
मोहन सिंह ने यह भी कहा कि लाखन सिंह और उनके पूर्वजों की तुलना में वह एक ईमानदार विधायक हैं, जबकि पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। “जनता ने उन्हें इसलिए हराया क्योंकि उन्होंने काम नहीं किया,” विधायक ने कहा।
बेमौसम बारिश का फसल पर असर
ग्वालियर-चंबल अंचल में पिछले चार से पांच दिनों में बेमौसम बारिश ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। विशेष रूप से भितरवार में आई बारिश के कारण किसानों की 90 प्रतिशत तक धान की फसल खराब हो गई है। किसानों के सामने इस स्थिति से निपटने के लिए मुआवजे की मांग उठ रही है, और स्थानीय नेता इस मुद्दे को उठाने के लिए गांव-गांव जा रहे हैं।
किसान लगातार मुआवजे की मांग कर रहे हैं, और इस पर स्थानीय नेताओं का सक्रिय होना यह दिखाता है कि वे अपने क्षेत्रों में कितना सक्रिय हैं। जबकि पूर्व मंत्री लाखन सिंह इस नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे, वहीं उनकी उपस्थिति ने राजनीतिक घमासान को और बढ़ा दिया है।
कांग्रेस का आरोप: सरकार मुद्दों से भटक रही है
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता आरपी सिंह ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के मुद्दों से ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में किसानों को लगातार आपदाओं का सामना करना पड़ा है, और सरकार को इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कांग्रेस का कहना है कि वर्तमान में जो सियासी नाटक चल रहा है, वह किसानों के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है। किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान की आवश्यकता है, न कि नेताओं के बीच की तकरार की।
सांसद भारत सिंह कुशवाहा की टिप्पणी
ग्वालियर से भाजपा सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने इस विवाद पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, “जनता का यह हक है कि वह अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से काम का हिसाब मांगे।” उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रतिनिधि क्षेत्र का लगातार प्रतिनिधित्व कर रहा है, तो जनता को सवाल पूछने का अधिकार है।
सांसद ने यह भी बताया कि यह बिल्कुल सामान्य है कि जब जनता को कोई कमी महसूस होती है, तो उन्हें अपने प्रतिनिधियों से सवाल पूछने का अधिकार है। इस तरह के सवालों को बुरा मानने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोकतंत्र में यह प्रक्रिया स्वाभाविक है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में लाखन सिंह और मोहन सिंह के बीच की तकरार ने यह साबित कर दिया है कि बेमौसम बारिश ने केवल फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि राजनीतिक माहौल को भी गर्म कर दिया है। अब देखना यह होगा कि इस तकरार का क्या असर आगामी राजनीतिक परिदृश्य पर पड़ेगा। किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, और नेताओं को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।






















