सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता उछालने वाले वकील का खजुराहो में भगवान विष्णु की प्रतिमा के लिए प्रार्थना का अभियान
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के खिलाफ जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित जवारी मंदिर का दौरा किया। इस अनोखे कदम के साथ, उन्होंने वहाँ भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा की पुनर्स्थापना के लिए प्रार्थना करने का संकल्प लिया है। यह घटना न्यायपालिका के प्रति एक अनोखी प्रतिक्रिया के रूप में देखी जा रही है, जिसने देश भर में चर्चा का विषय बना दिया है।
जवारी मंदिर, जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, राकेश किशोर के लिए एक विशेष स्थान है। उन्होंने यहाँ पहुँचकर भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि उनकी खंडित प्रतिमा को पुनः स्थापित किया जाए। राकेश किशोर का मानना है कि इस कार्य से न केवल धार्मिक भावना को बल मिलेगा, बल्कि यह समाज में न्याय की भावना को भी प्रोत्साहित करेगा।
खजुराहो मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
खजुराहो का जवारी मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है और यहाँ की मूर्तियाँ भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यहाँ की खंडित प्रतिमाएँ न केवल कला का अद्भुत उदाहरण हैं, बल्कि यह भारतीय धार्मिक परंपरा का भी प्रतिनिधित्व करती हैं।
राकेश किशोर ने कहा, “मुझे विश्वास है कि यदि हम भगवान विष्णु की प्रतिमा को पुनः स्थापित करने में सफल होते हैं, तो यह न केवल हमारी धार्मिक भावनाओं को साकार करेगा, बल्कि समाज में न्याय और समानता की भावना को भी प्रोत्साहित करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका को सम्मानित करना हर नागरिक का कर्तव्य है, और इसी वजह से उन्होंने इस अनूठे तरीके से अपनी बात रखने का निर्णय लिया।
वकील राकेश किशोर का दृष्टिकोण
राकेश किशोर का यह कदम कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। एक तरफ, यह न्यायपालिका के प्रति उनके गुस्से और निराशा को दर्शाता है, वहीं दूसरी तरफ यह धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। उनके अनुसार, न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, और यह कदम उस दिशा में एक पहल है।
किशोर ने कहा, “मैंने जूता उछालने का कार्य केवल एक प्रतीक के रूप में किया था। मेरे मन में न्याय का एक गहरा भाव है, और मुझे विश्वास है कि समाज में बदलाव लाने के लिए हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि भगवान विष्णु की प्रतिमा को पुनः स्थापित करने से एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
स्थानीय लोगों और भक्तों की प्रतिक्रिया
जवारी मंदिर में राकेश किशोर के आगमन पर स्थानीय भक्तों और श्रद्धालुओं ने उनकी सराहना की। कई लोगों ने कहा कि यह कदम न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक भी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोग न्याय के प्रति अपने कर्तव्यों को समझेंगे।
स्थानीय निवासी रामू तिवारी ने कहा, “राकेश किशोर का यह कदम प्रेरणादायक है। हमें अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक रहना चाहिए।” वहीं, अन्य भक्तों ने भी इस पहल को सराहा और कहा कि यह एक सही दिशा में उठाया गया कदम है।
निष्कर्ष
राकेश किशोर का खजुराहो स्थित जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा की पुनर्स्थापना के लिए प्रार्थना करना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत भावना का प्रतीक है, बल्कि न्यायपालिका और धार्मिकता के बीच एक अनोखा संबंध स्थापित करने का प्रयास भी है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में बदलाव लाने के लिए हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठानी चाहिए। राकेश किशोर का यह कदम इस बात का प्रमाण है कि व्यक्ति जब ठान ले, तो वह समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है।























