आलीराजपुर में प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक
आलीराजपुर में रविवार को प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ (पीएमयूएम) की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक जिले के सुरेंद्र उद्यान में दोपहर 3 बजे आयोजित की गई थी, जिसमें जिले के विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने भाग लिया। इस बैठक का आयोजन प्रांतीय आह्वान पर किया गया था, जिसमें शिक्षकों ने अपने मुद्दों को उठाया और विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की।
कर्मचारी कल्याण कोष की जानकारी साझा करते हुए
बैठक के दौरान पीएमयूएम के जिलाध्यक्ष भंगुसिंह तोमर ने कर्मचारी कल्याण कोष से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह योजना शिक्षकों के भविष्य और सुरक्षा के लिए बनाई गई है। अब तक प्रदेश में लगभग 45 हजार कर्मचारी और शिक्षक इस कोष में पंजीकरण करा चुके हैं। तोमर ने बताया कि इस योजना की शुरुआत 2 लाख रुपए के आर्थिक सहयोग से हुई थी, जो अब बढ़कर 25 लाख रुपए हो चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस कोष से दिवंगत शिक्षकों और शिक्षा विभाग तथा जनजातीय कार्य विभाग के कर्मचारियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस संदर्भ में उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे कर्मचारी कल्याण कोष योजना में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराएं ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें।
ई-अटेंडेंस पर उठे सवाल
बैठक में ई-अटेंडेंस के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। शिक्षकों ने एकमत से ई-अटेंडेंस का विरोध किया और इसके लागू होने से जुड़ी कई समस्याओं को उजागर किया। शिक्षकों ने कहा कि वर्तमान तकनीकी समस्याओं के कारण ई-अटेंडेंस प्रणाली को लागू करना उचित नहीं है।
विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की उपस्थिति
इस बैठक में कई प्रमुख शिक्षकों और संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। नियमित शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह सोलंकी, ट्रायबल वेलफेयर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनुज द्विवेदी, आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मनीष भांवसार, म.प्र. शिक्षक महिला अध्यक्ष संगीता चावड़ा, राज्य कर्मचारी संघ के जिला सचिव लालसिंह डावर, अपॉक्स संघ के जिलाध्यक्ष राकेश राठौड़, कौशिक वाघेला, धुंदरसिंह चोगाड़ और पीएमयूएम आलीराजपुर ब्लॉक अध्यक्ष तक़सिंह रावत ने भी अपने विचार साझा किए।
भविष्य की योजनाएं और आंदोलन की तैयारी
बैठक में प्राप्त सुझावों और समस्याओं के समाधान के लिए सभी संगठनों ने मिलकर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया। यह निर्णय शिक्षकों की समस्याओं को लेकर गंभीरता से लिया गया है, ताकि उनके मुद्दों का समाधान हो सके। कार्यक्रम का संचालन रतनसिंह रावत ने किया, जबकि आभार ज्ञापन कपिल नागर ने किया।
इस प्रकार, इस बैठक ने शिक्षकों के बीच एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया है और भविष्य में उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया गया है। शिक्षकों ने अपने अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा को लेकर अपनी आवाज उठाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अपने मुद्दों को लेकर गंभीर हैं और समाधान की दिशा में आगे बढ़ने की पूरी कोशिश करेंगे।
इस बैठक से यह भी स्पष्ट हुआ है कि शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे शिक्षकों की समस्याओं के प्रति सभी संगठनों को एकजुट होकर कार्य करना होगा, ताकि उनकी आवाज को सही तरीके से उठाया जा सके।























