बड़वाह में सड़क पर हुई महिला की डिलीवरी, नवजात और मां स्वस्थ
बड़वाह में एक गर्भवती महिला की असामान्य डिलीवरी की घटना सामने आई है, जब जननी वाहन की देरी के कारण उसे सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। यह घटना कीठूद गांव के निकट महेश्वर रोड पर हुई है। प्रसूता लीलुबाई और उनके नवजात बेटे दोनों स्वस्थ हैं और उन्हें बड़वाह के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
महिला की अचानक हुई डिलीवरी
मामला शनिवार शाम का है, जब लीलुबाई को अचानक पेट में तेज दर्द महसूस हुआ। उनके पति महेश ने तुरंत जननी वाहन को कॉल किया, लेकिन वाहन काफी देर तक नहीं पहुंचा। मजबूर होकर, महेश ने अपनी पत्नी को बाइक पर बैठाया और भटौली गांव से अस्पताल की ओर निकल पड़े।
सड़क पर हुई बच्चे की जन्म
महेश्वर रोड पर पहुंचने पर, लीलुबाई को फिर से तेज दर्द हुआ और महेश ने बाइक रोक दी। इसी बीच, लीलुबाई ने सड़क पर ही सामान्य डिलीवरी के माध्यम से एक बेटे को जन्म दिया। सड़क पर हुए इस अप्रत्याशित जन्म को देखकर आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए। जब जननी वाहन को दोबारा कॉल किया गया, तब भी वह डेढ़ घंटे तक नहीं पहुंचा।
स्थानीय लोगों ने मदद की और एक निजी एंबुलेंस बुलवाई। इसके बाद लीलुबाई, नवजात और उनके परिजनों को बड़वाह सिविल अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों की निगरानी में उन्हें रखा गया है।
परिवार में खुशी का माहौल
बुआ गीताबाई, जिन्होंने नवजात को गोद में लिया, ने बताया कि उन्होंने पहले सोचा कि लीलुबाई ने बेटी को जन्म दिया है। लेकिन जब उन्होंने देखा कि यह एक बेटा है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गीताबाई ने कहा कि लीलुबाई के पहले से दो बेटियां हैं और अब बेटा होने से उनका परिवार पूरा हो गया है।
गीताबाई ने बच्चे का नाम ‘श्रवण’ रखने की इच्छा जताई और बताया कि वह पढ़ाली गांव से आई थीं। महेश और लीलुबाई बठोली गांव के निवासी हैं, और इस घटना ने सभी को एक नई खुशी दी है।
सड़क पर डिलीवरी की यह घटना कई सवाल उठाती है
इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। जननी वाहन की देरी के कारण महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे जननी वाहनों की उपलब्धता और समय पर सेवा सुनिश्चित करें, ताकि गर्भवती महिलाओं को ऐसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े। यह घटना न केवल एक महिला के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है कि स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता को समझा जाए।
आगे की कार्रवाई
बड़वाह में हुई इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी गर्भवती महिलाओं को समय पर और उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। साथ ही, स्थानीय निवासियों की मदद से इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
इस घटना से न केवल महेश और लीलुबाई का परिवार खुश हुआ है, बल्कि पूरे गांव में एक नई उम्मीद और खुशियों का माहौल बना है। सभी ने नवजात का स्वागत किया और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
निष्कर्ष
इस प्रकार की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं कितनी महत्वपूर्ण होती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी समस्याएं भविष्य में न हों, ताकि किसी भी गर्भवती महिला को इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।