Cyber सुरक्षा: अब MP सरकार ने रोका ठगी का रास्ता

kapil6294
Nov 02, 2025, 7:01 PM IST

सारांश

मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों पर नियंत्रण: ठगी गई राशि को रोकने के लिए नई पहल मध्य प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, राज्य साइबर मुख्यालय में एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य ठगी गई राशि को […]

मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों पर नियंत्रण: ठगी गई राशि को रोकने के लिए नई पहल

मध्य प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, राज्य साइबर मुख्यालय में एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य ठगी गई राशि को तुरंत होल्ड (रुकवाने) कराना है। इस प्रकोष्ठ में एक उपनिरीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो साइबर अपराधों के मामलों में त्वरित कार्रवाई करेंगे। यह प्रकोष्ठ डिजिटल अपराधों के खिलाफ एक सशक्त उपाय साबित होने की उम्मीद है।

साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के कारण, सरकार ने इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आइ-4 सी) और साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर 1930 जैसे माध्यमों का उपयोग करते हुए ठगी की जानकारी प्राप्त करने का निर्णय लिया है। जब भी किसी व्यक्ति को साइबर ठगी का शिकार होने की सूचना मिलेगी, यह सेल तुरंत संबंधित बैंक से संपर्क करेगी और ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए खाते की पहचान करेगी। इस प्रक्रिया से ठगी गई राशि को रोकने में सहायता मिलेगी और पीड़ितों को राहत प्रदान की जाएगी।

मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों की स्थिति

मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पिछले कुछ वर्षों में, ऑनलाइन ठगी, फिशिंग स्कैम, और अन्य साइबर अपराधों के मामलों में वृद्धि देखी गई है। ऐसे मामलों में आम नागरिकों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए, राज्य सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।

विशेष प्रकोष्ठ का गठन इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है। यह प्रकोष्ठ न केवल ठगी गई राशि को रोकने का कार्य करेगा, बल्कि साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने का भी प्रयास करेगा। इसके अंतर्गत, आम नागरिकों को साइबर सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी ताकि वे स्वयं को सुरक्षा के लिए तैयार कर सकें।

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प्रकोष्ठ के कार्य और जिम्मेदारियाँ

  • तत्काल प्रतिक्रिया: प्रकोष्ठ ठगी की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करेगा और संबंधित बैंक से संपर्क करेगा।
  • खाते की पहचान: ठगी में शामिल खाता की पहचान करना और उसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना।
  • जागरूकता कार्यक्रम: आम नागरिकों के लिए साइबर सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना।
  • अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय: विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना।

साइबर अपराधों से बचने के उपाय

साइबर ठगी से बचने के लिए नागरिकों को कुछ महत्वपूर्ण उपायों का पालन करना चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करते समय सतर्क रहें।
  • अज्ञात कॉल और संदेशों का जवाब देने से बचें।
  • ऑनलाइन लेनदेन करते समय सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें।
  • सामाजिक मीडिया पर अपनी जानकारी को प्राइवेट रखें।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा साइबर अपराधों को रोकने के लिए उठाए गए कदम एक सकारात्मक संकेत हैं। विशेष प्रकोष्ठ का गठन न केवल ठगी गई राशि को रोकने में सहायक होगा, बल्कि यह साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने में भी मदद करेगा। नागरिकों को भी इस दिशा में सतर्क रहना होगा और सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए। इस तरह, हम सभी मिलकर साइबर अपराधों की समस्या का सामना कर सकते हैं और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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