बालाघाट में 10 वर्षीय नाबालिग के साथ रेप के प्रयास का मामला
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नवेगांव पुलिस ने 10 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश करने से पहले उसका लगभग 6 किलोमीटर लंबा जुलूस निकालकर उसे समाज के सामने लाया। यह घटना जिले के ग्रामीण थाना क्षेत्र में घटी थी, जहां स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को न्याय की कठोरता का सामना करने के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
घटना की जानकारी और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
थाना प्रभारी अमित अग्रवाल ने बताया कि 29 अक्टूबर</strong} को बालाघाट निवासी 45 वर्षीय पंचम बारेकर अपनी बहन से मिलने गांव आया था। आरोपी ने नाबालिग को चॉकलेट का लालच देकर अपनी बहन के घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। हालांकि, नाबालिग ने साहस दिखाते हुए किसी तरह स्वयं को छुड़ाकर घर पहुंची और अपनी मां को घटना की जानकारी दी।
मां द्वारा की गई शिकायत पर नवेगांव पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने आरोपी को नवेगांव थाने से न्यायालय तक पैदल ले जाने का निर्णय लिया और इस दौरान उसका लगभग 6 किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला। यह कदम न केवल आरोपी को सजा दिलाने के लिए था, बल्कि समाज में इस तरह के अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक प्रयास था।
न्यायालय में पेशी और पुलिस का सख्त संदेश
कोर्ट में पेशी के बाद, आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी अमित अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से गलत काम करने वालों में पुलिस का भय पैदा होगा और थाना क्षेत्र में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह महत्वपूर्ण है कि समाज में इस तरह की घटनाओं के प्रति सख्त संदेश दिया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसा करने की हिम्मत न जुटा सके।
पूर्व में की गई कार्रवाई का ऐतिहासिक संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब ग्रामीण थाना पुलिस ने इस तरह की कार्रवाई की है। इससे पहले भी अवैध शराब और रंगदारी के मामलों में आरोपियों का जुलूस निकालकर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन इस प्रकार के अपराधों को लेकर गंभीर है और समाज में सुरक्षा की भावना को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
समाज में जागरूकता और सुरक्षा की आवश्यकता
बालाघाट में हुई इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि समाज को हर स्तर पर जागरूक रहने की आवश्यकता है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए शिक्षित करना चाहिए। बच्चों को यह समझाना चाहिए कि यदि वे किसी प्रकार की असामान्य स्थिति का सामना करते हैं, तो उन्हें तुरंत अपने परिवार के सदस्यों या पुलिस को सूचित करना चाहिए।
बालाघाट पुलिस का यह कदम न केवल कानून का पालन करने का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एक संदेश देने का भी प्रयास है कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से समाज में सुरक्षा का माहौल बनेगा और लोग अपने आसपास की घटनाओं के प्रति जागरूक रहेंगे।
इस घटनाक्रम ने यह भी दिखाया है कि पुलिस की तत्परता और सामाजिक सहयोग से ही ऐसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई संभव है। समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए और अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है।























