मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मारपीट का मामला
गुरुवार शाम को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) के वार्ड नंबर 9 में एक गंभीर विवाद पैदा हो गया, जब दो मरीजों के परिजनों के बीच बहस शुरू हुई। यह विवाद जल्द ही **गाली-गलौज** और फिर **मारपीट** में बदल गया। अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने इस घटना में हस्तक्षेप करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। इस मारपीट के बाद घायल युवक ने गोपालगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
घटनाक्रम की जानकारी
पुलिस के अनुसार, फरियादी **अनिल अहिरवार** ने बताया कि उनकी पत्नी पूनम अहिरवार एक **एक्सीडेंट** में घायल हुई थीं और उन्हें **हेड इंजरी** आई थी। पूनम का इलाज बीएमसी में चल रहा है, जहाँ वह लगभग **8 महीने** से **पंलग नंबर 24** पर भर्ती हैं। वार्ड नंबर 9 में उनके पास पंलग नंबर 26 पर कमला नाम की महिला और उनके दो बेटे अजय और कृष्णा भी भर्ती थे।
कुर्सी को लेकर हुआ विवाद
अनिल अहिरवार ने बताया कि विवाद की शुरुआत तब हुई जब अजय कोरी ने उनके पंलग के पास रखी कुर्सी उठाई। अनिल ने जब कहा कि यह कुर्सी उनके लिए है और वह इसका उपयोग करते हैं, तो अजय ने गाली-गलौज शुरू कर दी। उन्होंने जब गालियों का विरोध किया, तो अजय और उनके भाई कृष्णा ने उन पर लात-घूंसों से हमला कर दिया।
मारपीट के बाद की गई शिकायत
इस मारपीट में अनिल अहिरवार को **गर्दन** और **माथे** पर चोटें आई हैं। आसपास मौजूद अन्य मरीजों और परिजनों ने बीच-बचाव कर विवाद को शांत करने की कोशिश की। घायल युवक ने बाद में गोपालगंज थाने पहुंचकर घटना की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर **मारपीट** समेत अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की कार्रवाई
बीएमसी में इस घटना के दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद थे, जिन्होंने मामले को बढ़ने से पहले समझाइश देकर रोकने का प्रयास किया। अस्पताल प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस विवाद का कारण क्या था और क्या भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं।
सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठाए हैं। चिकित्सकीय सेवाएं प्राप्त करने के लिए अस्पताल आए मरीजों और उनके परिजनों को ऐसी घटनाओं का सामना नहीं करना चाहिए। अस्पताल प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती में वृद्धि की जा सकती है।
- पुलिस और अस्पताल प्रशासन के बीच समन्वय को और बेहतर करने की आवश्यकता है।
- मरीजों और उनके परिजनों के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
इस घटना के बाद, सभी पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल प्रशासन को जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही, मरीजों और उनके परिजनों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि ऐसी घटनाएं न केवल उनके लिए, बल्कि अन्य मरीजों के लिए भी समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।
आशा की जा रही है कि पुलिस इस मामले की जांच में त्वरित कार्रवाई करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।























