कोयंबटूर एयरपोर्ट के पास छात्रा का अपहरण और बलात्कार, तीन आरोपी गिरफ्तार
कोयंबटूर एयरपोर्ट के निकट एक महिला कॉलेज छात्रा के अपहरण और बलात्कार के मामले में तीन पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। घटना रविवार, **2 नवंबर** की रात लगभग **11 बजे** हुई थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान **गुणा**, **करुप्पासामी**, और **कार्तिक उर्फ कलीश्वरन** के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों को **48 घंटे** की खोजबीन के बाद पकड़ा गया। ये सभी आरोपी **सिवागंगा** जिले के निवासी हैं और पुलिस को विशेष टीमों से सूचना मिली कि वे अपराध स्थल से थोड़ी दूरी पर छिपे हुए थे। पुलिस के साथ एक संक्षिप्त मुठभेड़ के दौरान आरोपियों को रात में पकड़ा गया, जिसमें वे भागने की कोशिश कर रहे थे और उन्हें पैर में गोली लगी। पुलिस ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक हेड कांस्टेबल भी घायल हुआ है।
पुलिस द्वारा की गई जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों के खिलाफ पहले से ही **बलात्कार** सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर एक गंभीर प्रश्न भी खड़ा करता है।
घटना का विवरण: छात्रा की सहायता के लिए दौड़ता मित्र
घटना के समय **20 वर्षीय** छात्रा अपने मित्र **विनीत** के साथ एयरपोर्ट के पीछे एक पार्क की गई कार में बातचीत कर रही थी। इसी दौरान, तीन युवकों ने उन पर हमला कर दिया और विनीत को गंभीर चोटें पहुंचाते हुए छात्रा को खींचकर ले गए। विनीत, जो खुद गंभीर रूप से घायल था, ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद, आरोपियों ने छात्रा का सामूहिक बलात्कार किया और उसे घटनास्थल पर छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने जब खोज अभियान शुरू किया, तो उन्होंने छात्रा को बिना कपड़ों के पाया और उसे सुरक्षित निकाला। बाद में उसे निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। वहीं, विनीत को **कोयंबटूर सरकारी अस्पताल** में इलाज के लिए भेजा गया। इस घटना ने न केवल छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह दर्शाता है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कितनी सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
पुलिस की कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
घटना के बाद, पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए **सात विशेष टीमों** का गठन किया। इस प्रकार की घटनाओं के प्रति पुलिस की तत्परता और कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष **वानाथी श्रीनिवासन** ने घटना स्थल का दौरा किया और पुलिस पर क्षेत्र को “दूरदराज” बताने के लिए आलोचना की। उनके अनुसार, यह स्थान पहले से ही **असामाजिक गतिविधियों** का केंद्र रहा है। उन्होंने प्रशासन से बेहतर सुरक्षा और सुरक्षा उपायों की मांग की।
स्रीनिवासन ने कहा, “हम उस स्थान पर खड़े हैं जहाँ यह घटना कल हुई थी। कार की खिड़की तोड़ी गई थी, और उसे नजदीकी क्षेत्र में ले जाया गया। यह कोई दूरदराज का स्थान नहीं है; यहाँ आवासीय कॉलोनियाँ निकट हैं, और लोगों का इस क्षेत्र में आसानी से आना-जाना है। पुलिस इसे बहुत दूरदराज का क्षेत्र बता रही है, लेकिन वास्तव में यह शहर का हिस्सा है।”
महिलाओं की सुरक्षा: एक गंभीर चिंता
इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चिंता को जन्म दिया है। ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई और कठोर सजा की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न कर सके। स्थानीय समुदाय ने भी इस घटना की निंदा की है और मांग की है कि प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि समाज में असामाजिक तत्वों के खिलाफ हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा और महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। अब यह आवश्यक है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस रणनीतियाँ बनाए और उन्हें लागू करे।
आगे चलकर यह देखना होगा कि क्या पुलिस और प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हैं और क्या महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए उपाय लागू किए जाते हैं।























