महाराष्ट्र: सातार की महिला डॉक्टर आत्महत्या मामले में पुलिस उप-निरीक्षक बडने बर्खास्त
मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के कोल्हापुर रेंज के विशेष IG ने सातार की महिला डॉक्टर आत्महत्या मामले से जुड़े आरोपित और निलंबित पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) गोपाल बडने को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, पुलिस ने जानकारी दी है। यह कदम इस मामले में तेजी से कार्रवाई के तहत उठाया गया है।
विशेष IG, कोल्हापुर रेंज, सुनील फुलारी द्वारा गोपाल बडने की बर्खास्तगी का आदेश दिया गया है। यह निर्णय सातार की महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में उनकी संलिप्तता के संदर्भ में लिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है।
विशेष जांच टीम का गठन
इससे पहले, फाल्टन डॉक्टर आत्महत्या मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था। इस टीम का नेतृत्व IPS अधिकारी तेजस्वी सातpute करेंगे। जांच की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।
यह घटनाक्रम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दी गई निर्देश के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने पुलिस महानिदेशक को सातार-फाल्टन डॉक्टर आत्महत्या मामले की जांच के लिए SIT बनाने का आदेश दिया था। सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी।
विपक्ष की मांगें और मामले की गंभीरता
विपक्षी दल इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व भाजपा सांसद रंजीतसिंह नाइक निंबालकर, जो पूर्व शिवसेना सांसद हिंदुराव नाइक निंबालकर के बेटे हैं, को गिरफ्तार करने की भी मांग की है। यह मांग इस बात को दर्शाती है कि मामला राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से कितना संवेदनशील है।
यह डॉक्टर, जो सातार में तैनात थीं, एक होटल के कमरे में मृत पाई गईं। उनकी हथेली पर एक नोट लिखा हुआ था, जिसमें एक पुलिस अधिकारी और दो अन्य लोगों का नाम था। इस नोट में यह स्पष्ट किया गया था कि उन पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है, जिससे वह आत्महत्या के लिए मजबूर हुईं।
पुलिस कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया
गोपाल बडने को 26 अक्टूबर को फाल्टन में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के सामने पेश किया गया, जहां उन्हें 30 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस ने पहले ही गोपाल बडने और प्रशांत बंकर नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
इन आरोपितों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यह नोट जो डॉक्टर की हत्या के समय उनके हाथ पर था, पुलिस उप-निरीक्षक बडने का नाम भी शामिल था, जिसके चलते उन्हें निलंबित किया गया था।
मुख्यमंत्री का बयान और संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि इस मामले में जिन लोगों की गलती है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि “इस तरह के संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग देना अत्यंत असंवेदनशील है।” यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
इस मामले में आगे की प्रक्रिया और जांच के परिणामों का सभी को बेसब्री से इंतजार है, और यह देखना होगा कि न्यायालय और पुलिस इस संवेदनशील मामले में क्या कदम उठाते हैं।


























