Facebook: अखिलेश यादव ने फेसबुक अकाउंट निलंबन पर उठाए सवाल, “हिंसा, यौन शोषण” के लिए गलत तरीके से फ्लैग किए गए पोस्ट्स का किया जिक्र

सारांश

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट निलंबन लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने फेसबुक अकाउंट के निलंबन पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके द्वारा एक पत्रकार की मौत और बलिया में एक महिला की संदिग्ध मौत पर किए गए पोस्ट को गलत तरीके से “यौन शोषण […]

kapil6294
Oct 11, 2025, 8:12 PM IST

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट निलंबन

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने फेसबुक अकाउंट के निलंबन पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके द्वारा एक पत्रकार की मौत और बलिया में एक महिला की संदिग्ध मौत पर किए गए पोस्ट को गलत तरीके से “यौन शोषण और हिंसा” के रूप में चिह्नित किया गया था। इस घटना ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा उत्पन्न की है।

फेसबुक अकाउंट की बहाली

आज सुबह, समाजवादी पार्टी के प्रमुख का फेसबुक अकाउंट बहाल कर दिया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “मुझे बाद में पता चला कि मेरे अकाउंट को निलंबित किया गया था क्योंकि उस पर कुछ आपत्तियां थीं। मुझे बताया गया कि आपत्ति ‘यौन शोषण और हिंसा’ के कारण थी। जब मैंने पूरी रिपोर्ट देखी, तो उसमें बलिया की एक महिला और एक पत्रकार के हत्या से संबंधित पोस्ट थे।”

पत्रकारों पर दबाव की बात करते हुए

अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि वह भाजपा द्वारा पत्रकारों पर डाले गए दबाव को उजागर कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मेरे द्वारा किए गए पोस्ट में एक पत्रकार की मौत का जिक्र था, जिसमें उन पर दबाव डालना, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना और उन्हें अनावश्यक दबाव में डालना शामिल था। ये सभी भाजपा के तरीके हैं।” इस बयान ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए हैं और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है।

सोशल मीडिया बनाम जमीनी काम

अखिलेश यादव ने अपने अकाउंट के निलंबन पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि वह जमीनी स्तर पर काम करने और लोगों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, न कि केवल सोशल मीडिया पर निर्भर रहने के लिए। उन्होंने कहा, “इसमें क्या गलत था? लेकिन हमने समझा है कि जितना अधिक हम जमीनी स्तर पर काम करेंगे, हमारी लड़ाई उतनी ही सफल होगी। इसलिए हम जमीनी स्तर पर काम करेंगे और लोगों को जागरूक करने का कार्य करेंगे।”

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केंद्र सरकार का तटस्थ रुख

इस बीच, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार का इस निलंबन में कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा, “फेसबुक ने कार्रवाई की है; सरकार का इसमें कोई रोल नहीं है। उनके अकाउंट पर एक बहुत ही अभद्र पोस्ट थी, जिसके कारण फेसबुक ने अपने नीति के अनुसार अकाउंट निलंबित किया। यहां सरकार का कोई रोल नहीं है।”

भाजपा पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप

समाजवादी पार्टी ने पहले ही आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष की आवाज को दबा रही है। समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यादव के अकाउंट का निलंबन लोकतंत्र पर एक हमला है।

डेमोक्रेसी पर हमला: पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय ने भी इस कृत्य की निंदा की, इसे भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली पर एक आघात बताया। राय ने अपनी पोस्ट में लिखा, “देश के संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री @yadavakhilesh जी का फेसबुक अकाउंट ब्लॉक करना न केवल निंदनीय है बल्कि भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली पर एक आघात भी है।”

निष्कर्ष

अखिलेश यादव के फेसबुक अकाउंट का निलंबन और इसके बाद की घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक गतिविधियों का प्रभाव कितना गहरा हो सकता है। यह न केवल राजनीतिक संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का आगे क्या परिणाम निकलता है और क्या यह राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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