Warrant: एसीबी ने कारोबारी विनय सिंह की पत्नी के खिलाफ कोर्ट में आवेदन दिया

kapil6294
Nov 05, 2025, 8:21 AM IST

सारांश

हजारीबाग में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री मामला: एसीबी ने वारंट के लिए किया आवेदन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हजारीबाग में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के मामले में आरोपी ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए आवेदन किया है। यह मामला हजारीबाग के गैर मजरुआ […]

हजारीबाग में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री मामला: एसीबी ने वारंट के लिए किया आवेदन

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हजारीबाग में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के मामले में आरोपी ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए आवेदन किया है। यह मामला हजारीबाग के गैर मजरुआ खास जंगल झाड़ में अवैध तरीके से भूमि के लेन-देन से संबंधित है। एसीबी की ओर से यह जानकारी दी गई है कि स्निग्धा सिंह की संलिप्तता इस मामले में महत्वपूर्ण है और उनसे पूछताछ आवश्यक है।

एसीबी ने स्निग्धा सिंह को पूछताछ के लिए तीन बार नोटिस भेजा था, लेकिन वह एसीबी मुख्यालय में उपस्थित नहीं हुईं। एसीबी ने कोर्ट में अपने आवेदन में कहा है कि स्निग्धा सिंह इस केस में आरोपी हैं और उनसे पूछताछ अनिवार्य है। एसीबी की इस कार्रवाई ने इस मामले में नए मोड़ को जन्म दिया है, जहां अब कोर्ट से वारंट जारी करने की मांग की गई है।

स्निग्धा सिंह की जमानत याचिका खारिज

एसीबी की विशेष कोर्ट में सोमवार को स्निग्धा सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया और उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला तब से सुर्खियों में है जब से यह आरोप लगाया गया है कि विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह ने अवैध तरीके से वन भूमि की खरीद-बिक्री की है।

जिस भूमि के अवैध लेन-देन का आरोप है, वह हजारीबाग के सदर अंचल में स्थित है। इसका खाता नंबर 95 है, जिसमें प्लॉट नंबर 1055, 1060 और 848 शामिल हैं। कुल रकबा 28 डिसमिल बताया गया है। इसके अलावा खाता नंबर 73 में प्लॉट नंबर 812 का रकबा 72 डिसमिल है। यह भूमि हजारीबाग के बभनवे मौजा में स्थित है, जो इस मामले को और भी गंभीर बनाता है।

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भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की सक्रियता

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक बड़ा सवाल बन गया है। एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में कड़ी कार्रवाई आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

हजारीबाग में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री की घटनाएं कोई नई नहीं हैं, लेकिन इस मामले की गंभीरता इसे खास बनाती है। एसीबी ने न केवल स्निग्धा सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि ऐसे मामलों में संलिप्त सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

भविष्य की कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया

अब यह देखना होगा कि कोर्ट इस मामले में स्निग्धा सिंह के खिलाफ वारंट जारी करता है या नहीं। यदि वारंट जारी होता है, तो इससे उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही, एसीबी द्वारा आगे की जांच और पूछताछ भी जारी रहेगी। एसीबी की इस कार्रवाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है, जो अन्य लोगों के लिए चेतावनी के रूप में कार्य करेगा।

इस मामले के विकास पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या स्निग्धा सिंह अपनी स्थिति को स्पष्ट करने में सफल होती हैं या उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय नागरिक इस मामले को लेकर बेहद चिंतित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय प्रणाली में विश्वास बना रहे।

इस प्रकार के मामलों में, जहां वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री की जाती है, यह आवश्यक है कि संबंधित विभाग सख्ती से कार्रवाई करें। एसीबी की इस सक्रियता से यह संदेश मिलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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