Tribal News: झारखंड कांग्रेस एडवाइजरी काउंसिल में 12 नेता शामिल

kapil6294
Nov 05, 2025, 10:33 AM IST

सारांश

झारखंड में कांग्रेस की आदिवासी एडवाइजरी काउंसिल में 12 नेताओं की नियुक्ति रांची, 7 घंटे पहले – झारखंड में कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी समुदाय के विकास और उनके मुद्दों पर ध्यान देने के लिए आदिवासी एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है। इस काउंसिल में झारखंड के 12 प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है, जो […]

झारखंड में कांग्रेस की आदिवासी एडवाइजरी काउंसिल में 12 नेताओं की नियुक्ति

रांची, 7 घंटे पहले – झारखंड में कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी समुदाय के विकास और उनके मुद्दों पर ध्यान देने के लिए आदिवासी एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है। इस काउंसिल में झारखंड के 12 प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है, जो आदिवासी समुदाय के अधिकारों और कल्याण के लिए काम करेंगे। यह कदम कांग्रेस पार्टी की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो आदिवासी जनसंख्या की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेगा।

कांग्रेस के इस नए गठन में शामिल नेताओं में प्रमुख नाम हैं – रामेश्वर उरांव, सुखदेव भगत, प्रदीप कुमार बलमुचू, कालीचरण मुंडा, शिल्पी नेहा तिर्की और राजेश कच्छप। इन नेताओं का चयन उनके अनुभव और आदिवासी समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर किया गया है। काउंसिल में विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में बंधु तिर्की भी शामिल हैं, जो इस मंच के माध्यम से अपनी आवाज उठाने का अवसर पाएंगे।

कांग्रेस का आदिवासी समुदाय के प्रति दृष्टिकोण

कांग्रेस पार्टी का यह कदम आदिवासी समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता देने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। पार्टी का लक्ष्य आदिवासी लोगों के विकास के लिए नीतियों को बनाने और लागू करने में मदद करना है। इसके साथ ही, यह काउंसिल आदिवासी नेताओं को एकजुट करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करेगी।

कांग्रेस के नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया है कि आदिवासी समुदाय के विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पार्टी का मानना है कि इस काउंसिल के माध्यम से आदिवासी मुद्दों को सही तरीके से उठाया जा सकेगा और उन्हें हल करने के लिए ठोस उपाय किए जा सकेंगे। काउंसिल में शामिल नेताओं का अनुभव इस दिशा में बहुत उपयोगी साबित होगा।

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आदिवासी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता

झारखंड में आदिवासी समुदाय की समस्याएं कई दशकों से चली आ रही हैं। भूमि अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार से संबंधित मुद्दे वे प्रमुख समस्याएं हैं जिनका सामना आदिवासी लोग कर रहे हैं। इन मुद्दों का समाधान करने के लिए एक मजबूत और सक्रिय काउंसिल की आवश्यकता है, जो सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर सके।

कांग्रेस की इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि आदिवासी समुदाय के लोग अपनी समस्याओं को खुलकर रख सकेंगे और उनके समाधान के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा, यह कदम आदिवासी नेताओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। उनके अनुभव और दृष्टिकोण से काउंसिल को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

भविष्य की संभावनाएं और अपेक्षाएं

आदिवासी एडवाइजरी काउंसिल के गठन से झारखंड में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। यह काउंसिल न केवल आदिवासी मुद्दों को उठाने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि आदिवासी समुदाय के विकास के लिए आवश्यक नीतियों को भी आकार देगी। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि काउंसिल किस प्रकार के निर्णय लेती है और उन निर्णयों का आदिवासी समुदाय पर क्या प्रभाव पड़ता है।

कांग्रेस पार्टी ने इस पहल के माध्यम से आदिवासी समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। अब यह देखना होगा कि यह काउंसिल किस प्रकार आदिवासी मुद्दों पर प्रभाव डालने में सफल होती है और झारखंड के आदिवासी लोगों के जीवन में सुधार लाने में क्या योगदान देती है।

इस प्रकार, झारखंड में कांग्रेस की आदिवासी एडवाइजरी काउंसिल का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है जो आदिवासी समुदाय के विकास और अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेगा।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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