झारखंड में टेक्सटाइल कंपनियों का ओडिशा शिफ्ट होना: चैंबर की चिंता
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य से चार प्रमुख टेक्सटाइल कंपनियों के ओडिशा जाने की ख़बर पर गहरी चिंता व्यक्त की है। चैंबर के महासचिव रोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर ये कंपनियाँ ओडिशा चली जाती हैं, तो यह झारखंड के औद्योगिक विकास के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। उन्होंने राज्य की टेक्सटाइल नीति की पुनरावृत्ति की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि राज्य सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
अग्रवाल ने यह भी कहा कि उद्योगों का पलायन राज्य की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर सकता है। उन्होंने अपील की कि राज्य सरकार को उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। यह न केवल टेक्सटाइल कंपनियों के लिए, बल्कि अन्य उद्योगों के लिए भी आवश्यक है, ताकि झारखंड में औद्योगिक विकास की गति को बनाए रखा जा सके।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले पर अपनी चिंता प्रकट की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि झारखंड से चार बड़ी टेक्सटाइल कंपनियों का ओडिशा शिफ्ट होना राज्य के लिए एक गंभीर झटका है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि यूरोप दौरे के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।
मरांडी ने कहा कि झारखंड पहले से ही पलायन की समस्या का सामना कर रहा है, और अब उद्योगों का बंद होना सरकार की विफलता का प्रतीक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि झारखंड में बढ़ते अपराध, असुरक्षा और असहयोग के कारण उद्यमी राज्य छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है, बल्कि राज्य की छवि को भी धूमिल कर रही है।
उद्योगों के पलायन के कारण
झारखंड से उद्योगों के पलायन के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- असुरक्षा: राज्य में बढ़ते अपराध और असुरक्षा के कारण उद्यमी निवेश करने से कतराते हैं।
- राजनीतिक अस्थिरता: राज्य में राजनीतिक स्थिरता की कमी भी उद्योगों के विकास में बाधा डालती है।
- सरकारी नीतियों की अनिश्चितता: उद्योगों के प्रति नीतियों में बदलाव से भी निवेशक डरते हैं।
- सुविधाओं की कमी: उचित बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं का अभाव भी कंपनियों के पलायन का एक बड़ा कारण है।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी
झारखंड सरकार को अब इस गंभीर समस्या का समाधान खोजने की आवश्यकता है। उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना होगा ताकि वे राज्य में बने रहें। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- सुरक्षा में सुधार: उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कानून व्यवस्था लागू करने की आवश्यकता है।
- बुनियादी ढांचे में सुधार: उद्योगों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना होगा।
- नीतियों की स्थिरता: दीर्घकालिक नीति निर्धारण से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
- उद्यमियों के साथ संवाद: सरकार को उद्यमियों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
निष्कर्ष
झारखंड में टेक्सटाइल कंपनियों का ओडिशा शिफ्ट होना न केवल राज्य के औद्योगिक विकास के लिए खतरा है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और आवश्यक कदम उठाने होंगे। ऐसा करने से न केवल उद्योगों को राज्य में बनाए रखा जा सकेगा, बल्कि यह झारखंड की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
राज्य की औद्योगिक नीति को फिर से संगीनीत करने की आवश्यकता है, ताकि उद्यमियों का विश्वास लौट सके और झारखंड में औद्योगिक विकास की नई संभावनाएँ खुल सकें।






















