गुमला जिले में युवक ने आत्महत्या की, पुलिस जांच में जुटी
झारखंड के गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र में एक युवक ने आत्महत्या कर ली। सरांगो गांव निवासी मनोज उरांव का शव डैम किनारे करंज के पेड़ से लटका हुआ मिला। इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
ग्रामीणों ने सबसे पहले शव को देखा, सूचना दी गई
घटना की जानकारी सबसे पहले गांव के ग्रामीणों को मिली, जब उन्होंने मनोज के शव को पेड़ से लटका देखा। उन्होंने तुरंत पंचायत के मुखिया राजेश बड़ाइक और आदिवासी ममता जीवन दर्पण संस्था के कोषाध्यक्ष चंद्रदेव उरांव को सूचित किया। इसके बाद घाघरा पुलिस को भी घटना की जानकारी दी गई, जिससे पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची।
पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
घाघरा पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और उसे पोस्टमॉर्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
घर में तनाव और शराब के नशे का शक
इस घटना के संबंध में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार मनोज उरांव शराब के नशे में था। सुबह-सुबह वह अपने घर के पास रस्सी लेकर घूम रहा था, जिसे उसकी पत्नी अंजली देवी ने उससे छीन लिया। पत्नी ने मनोज से कहा कि वह ऐसा न करे और इसके बाद वह खेत में काम करने चली गई।
मनोज का पिछले समय से था मानसिक तनाव
बताया जा रहा है कि मनोज ने सुबह करीब 10 बजे अपनी मां से घास काटने की बात कहकर घर से निकला था, जिसके बाद वह वापस नहीं लौटा। कुछ घंटों बाद, ग्रामीणों ने उसे डैम किनारे पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया। यह घटना गांव में हड़कंप मचा गई और सभी लोग सदमे में हैं।
पुलिस जांच जारी, आत्महत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश
पुलिस के अनुसार, आत्महत्या के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। जांच में जुटी घाघरा पुलिस ने मनोज के परिवार और गांव के अन्य लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में जो भी जानकारी सामने आएगी, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
समाज में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता
इस घटना ने एक बार फिर समाज में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर किया है। अक्सर, मानसिक तनाव, पारिवारिक विवाद या शराब की लत जैसे कारणों से लोग इस तरह के नकारात्मक कदम उठाते हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है।
समाज के लिए एक सन्देश
इस घटना के माध्यम से समाज को यह समझने की जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना आवश्यक है। परिवारों को एक-दूसरे का सहारा बनना चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान संवाद के माध्यम से करना चाहिए। अगर परिवार में कोई सदस्य मानसिक तनाव का सामना कर रहा है, तो उसे मदद की आवश्यकता है।
इस घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल है और सभी लोग मनोज की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लिया है और ऐसे मामलों में जागरूकता फैलाने की योजना बना रहा है।



















