झारखंड में राजस्व मामलों की गंभीरता पर उपायुक्त का ध्यान
चतरा, 5 घंटे पहले: झारखंड के चतरा जिले में उपायुक्त ने प्रखंड एवं अंचल स्तर पर लंबित राजस्व प्रकरणों की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी राजस्व वादों का निष्पादन निश्चित समय-सीमा के भीतर हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान उपायुक्त ने भू-हस्तांतरण मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राजस्व मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
उपायुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राजस्व से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी लंबित मामलों का परीक्षण करें और त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल नागरिकों के लिए बल्कि प्रशासन की छवि के लिए भी आवश्यक है।
राजस्व मामलों में तेजी लाने के लिए उपायुक्त ने यह भी कहा कि सभी संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जो हर सप्ताह लंबित मामलों की समीक्षा करेगी और आवश्यक कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी।
भू-हस्तांतरण के मामलों पर विशेष ध्यान
भू-हस्तांतरण मामलों की जटिलता को देखते हुए उपायुक्त ने कहा कि यह विषय विशेष रूप से संवेदनशील है और इसे जल्द से जल्द निपटाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को उनकी भूमि के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की योजना भी बनाई जाएगी, ताकि वे भू-हस्तांतरण से जुड़े मामलों को सही तरीके से समझ सकें और उनका समाधान कर सकें।
स्थानीय नागरिकों की समस्याओं का समाधान
उपायुक्त ने यह भी कहा कि स्थानीय नागरिकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर लोग अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन के समक्ष रख सकेंगे। यह कदम नागरिकों के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान में सहायक होगा।
अधिकारी उपस्थित रहे
इस बैठक में सभी प्रखंडों के अंचल अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने उपायुक्त के निर्देशों को गंभीरता से लिया और अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का आश्वासन दिया।
निष्कर्ष
उपायुक्त की इस पहल से यह साफ है कि झारखंड सरकार राजस्व मामलों में पारदर्शिता और त्वरित निपटान के प्रति गंभीर है। यह कदम न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उपायुक्त के निर्देशों का पालन करना सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य होगा, ताकि राज्य में प्रशासनिक सुधार को गति मिल सके।
इस प्रकार, झारखंड में राजस्व मामलों को लेकर जो नई दिशा दी गई है, वह निश्चित रूप से नागरिकों के लिए राहत का कारण बनेगी और प्रशासन की छवि को भी सशक्त बनाएगी।






















