रांची में श्री गुरु नानक देव महाराज का प्रकाशोत्सव मनाया गया
रांची | 8 घंटे पहले की खबर के अनुसार, सोमवार को श्री गुरु नानक देव महाराज के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में कृष्णानगर कॉलोनी गुरुद्वारा मैदान में एक भव्य आगम प्रकाशोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पारंपरिक नगर कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिसमें रांची सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस खास मौके पर आयोजित दीवान में 16 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया और श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गुरु नानक देवजी की शिक्षाओं को फैलाना और समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देना था। श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से कीर्तन किया और गुरु की महिमा का गुणगान किया।
नगर कीर्तन का आयोजन
नगर कीर्तन का आयोजन सुबह से ही शुरू हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने संगठित होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए गुरुद्वारे की ओर यात्रा की। इस यात्रा में भक्तजन ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। कीर्तन के दौरान श्रद्धालुओं ने ‘बोलिये सोहिले’ और अन्य भक्ति गीत गाए।
नगर कीर्तन में शामिल लोग न केवल धार्मिक भावना से भरे थे, बल्कि उन्होंने समाज में शांति और सद्भावना का संदेश भी फैलाया। इस अवसर पर कई सामाजिक संगठनों ने भी अपनी सहभागिता दिखाई और लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया।
श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि
इस बार के प्रकाशोत्सव में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। आयोजकों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष 20% अधिक भक्तों ने भाग लिया। कई श्रद्धालु दूर-दूर से अपने परिवारों के साथ आए थे, जो इस अवसर को खास बनाता है।
आयोजन के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पुलिस प्रशासन ने पूरी घटना को सुरक्षित बनाने के लिए कई जवानों की तैनाती की थी। इसके अलावा, चिकित्सा टीम भी तैयार रही ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके।
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने समाज में समानता, भाईचारा और सेवा का संदेश दिया। उनके जीवन के सिद्धांतों को अपनाने से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिलती है। इस प्रकाशोत्सव के माध्यम से श्रद्धालुओं ने इस संदेश को पुनः जीवित किया।
उपस्थित श्रद्धालुओं का कहना था कि ऐसे आयोजनों से न केवल धार्मिक भावना को बल मिलता है, बल्कि समाज में एकता और प्रेम का भी संचार होता है। इस अवसर पर कई लोगों ने गुरुजी के जीवन पर आधारित विचार साझा किए और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
समापन समारोह
इस भव्य आयोजन का समापन भव्य लंगर के साथ हुआ, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप खाना वितरित किया गया। लंगर में सादगी और श्रद्धा के साथ तैयार किए गए भोजन का सभी ने आनंद लिया। इस लंगर ने न केवल लोगों को एक साथ लाने का कार्य किया, बल्कि यह गुरु नानक देव जी के संदेश की भी परिकल्पना करता है।
इस प्रकार, रांची में श्री गुरु नानक देव महाराज के प्रकाशोत्सव का आयोजन एक सफल और प्रेरणादायक कार्यक्रम रहा। आयोजकों और श्रद्धालुओं ने मिलकर इस अवसर को यादगार बनाया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
इस आयोजन ने दिखाया कि जब लोग एकजुट होते हैं, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। रांची में इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता का भी संदेश देता है।






















