Mystery: बेतला जंगल में 5 साल के हाथी की रहस्यमय मौत, जांच शुरू

kapil6294
Nov 05, 2025, 5:54 PM IST

सारांश

लातेहार में जंगली हाथी की रहस्यमय मौत, जांच के आदेश झारखंड के लातेहार जिले में स्थित पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के बेतला वन क्षेत्र में एक जंगली हाथी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। यह घटना बुचीदाढ़ी टोला के लुकुमखाड़ जंगल में हुई, जहां बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने हाथी का शव देखा। […]

बेतला जंगल में 5 साल के हाथी की रहस्यमय मौत:लुकुमखाड़ में मिला शव, पिछले दो दिनों से इस क्षेत्र में घूम रहा था; वन विभाग जांच में जुटा

लातेहार में जंगली हाथी की रहस्यमय मौत, जांच के आदेश

झारखंड के लातेहार जिले में स्थित पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के बेतला वन क्षेत्र में एक जंगली हाथी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। यह घटना बुचीदाढ़ी टोला के लुकुमखाड़ जंगल में हुई, जहां बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने हाथी का शव देखा। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

वन रेंजर उमेश दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि मृत हाथी नर प्रजाति का है और उसकी आयु लगभग पांच वर्ष है। हालांकि, हाथी की मौत के कारणों का सही पता अभी नहीं चल सका है। रेंजर ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हाथी की मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा। इस मामले में अधिक जानकारी के लिए वन विभाग ने विशेषज्ञों से संपर्क करने की योजना बनाई है।

स्थानीय लोगों का कहना, हाथी दो दिनों से था सक्रिय

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह हाथी पिछले दो दिनों से इस क्षेत्र में घूम रहा था। घटनास्थल से बेतला पार्क की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हाथी का यह क्षेत्र में आना कोई नई बात नहीं है। पलामू टाइगर रिजर्व में इस तरह की घटनाएं पहले भी देखी गई हैं, जो कि वन्यजीवों की सुरक्षा की दिशा में एक गंभीर चिंता का विषय है।

इस घटना के बाद, पर्यावरण प्रेमियों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों ने तत्काल गहन जांच की मांग की है। उनके अनुसार, जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर सरकार और संबंधित विभागों को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

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जंगलों में जंगली हाथियों की सुरक्षा की आवश्यकता

झारखंड में जंगली हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों के लिए सुरक्षित आवास और भोजन सामग्री की उपलब्धता को सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए वन विभाग को जंगलों में नियमित रूप से निगरानी रखनी चाहिए और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

  • जंगलों में हाथियों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करना
  • वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों की टीम का गठन
  • स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण के लिए जागरूक करना
  • हाथियों के लिए भोजन और पानी के स्रोतों की उपलब्धता सुनिश्चित करना

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या उचित प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमी के कारण इन जंगली जानवरों की जिंदगी खतरे में है। वन विभाग को चाहिए कि वह इस मामले में गंभीरता से विचार करे और आवश्यक कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

स्थानीय लोगों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों का मानना है कि यदि इस तरह की घटनाओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल जंगली हाथियों के लिए बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि सभी संबंधित विभाग मिलकर कार्य करें और जंगली जानवरों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।

इस संबंध में आगे की जानकारी के लिए वन विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की जांच पूरी होगी और हाथी की मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सकेगा।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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