पलामू में स्टोन माइंस उद्घाटन के दौरान बवाल, कई पुलिसकर्मी घायल
झारखंड के पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड अंतर्गत लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के रेवारातू में बुधवार को स्टोन माइंस के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान हिंसक घटनाएं हुईं। स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना के बाद पुलिस ने 11 ग्रामीणों को हिरासत में लिया।
यह घटना उस समय हुई जब माइंस क्षेत्र में खनन कार्य शुरू होना था। स्थानीय ग्रामीण लंबे समय से इस माइंस का विरोध कर रहे हैं। सुबह करीब 10 बजे जब पुलिसकर्मी पहाड़ पर पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन पर पारंपरिक हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में जैप 8 लेस्लीगंज के हवलदार महेंद्र कुमार दुबे, अखिलेश कुमार, लेस्लीगंज थाना के एएसआई सचिदानंद शर्मा, सतबरवा के सुधीर सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। हवलदार महेंद्र कुमार दुबे और अखिलेश कुमार को गंभीर चोटों के कारण इलाज के लिए एमएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
पुलिस की तैनाती और स्थिति का नियंत्रण
घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है तथा माइंस क्षेत्र में एक पुलिस कैंप भी स्थापित किया गया है। इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस हिमांशु लाल, लेस्लीगंज के एसडीपीओ मनोज झा, प्रशिक्षु डीएसपी राजीव रंजन, राजेश यादव और लेस्लीगंज थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय तथा अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में माइंस का उद्घाटन किया गया और संपर्क मार्ग बनाया गया।
स्थानीय ग्रामीणों का एक वर्ग माइंस से रोजगार और क्षेत्र में विकास की उम्मीद जता रहा है। वहीं दूसरी ओर, विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि प्रशासन उनकी बात सुने बिना खनन कार्य आगे बढ़ा रहा है। रेवारातू क्षेत्र में श्री विनायक कंस्ट्रक्शन को वर्ष 2024 में माइंस लीज प्राप्त हुई थी। कुछ ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय रांची में पीआईएल दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
एसडीपीओ मनोज झा ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है। विधि व्यवस्था को देखते हुए कुछ लोगों को थाना में रखा गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वे स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
इस घटना ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है, और इससे पहले भी इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि खनन कार्य से पर्यावरण को नुकसान होगा और उनकी आजीविका पर भी खतरा मंडराएगा। जबकि कुछ लोग इसे विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
- हिंसक घटना में घायल पुलिसकर्मियों की संख्या: 6 से अधिक
- माइंस उद्घाटन का समय: सुबह 10 बजे
- ग्रामीणों की हिरासत में लिए गए: 11 लोग
- पुलिस की तैनाती: भारी संख्या में
क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई हैं। आगे की कार्रवाई में प्रशासन को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। इससे न केवल कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय विकास के लिए भी एक सकारात्मक वातावरण बनेगा।
यह घटना झारखंड में खनिज संसाधनों के दोहन और स्थानीय समुदायों के बीच संघर्ष को एक बार फिर उजागर करती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालें ताकि सभी हितधारकों के लिए संतोषजनक परिणाम निकले।



















