राजधानी रांची में अवैध बूचड़खाने का खुलासा
राजधानी रांची में अवैध बूचड़खाने का मामला सामने आया है, जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। रांची नगर निगम ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि लोअर बाजार थाना क्षेत्र के आजाद बस्ती में एक अवैध बूचड़खाना संचालित हो रहा था। नगर निगम के अपर प्रशासक संजय कुमार के निर्देश पर निगम की टीम ने जब इस क्षेत्र में छापेमारी की, तो वहां अवैध रूप से चल रहे बूचड़खाने का पता चला।
इस कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि जिस भूमि पर यह अवैध बूचड़खाना चल रहा था, वह रांची नगर निगम के स्वामित्व में है। इसे मौजा कोनका के प्लॉट नंबर 1610 के रूप में पहचाना गया, जिसकी कुल क्षेत्रफल 19.03 डिसमिल है। इसे देखते हुए अपर प्रशासक ने निर्देश दिया कि अवैध बूचड़खाने को तुरंत ध्वस्त किया जाए। इसके लिए उन्होंने सदर एसडीओ को पत्र लिखकर आवश्यक फोर्स और मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि इस अवैध गतिविधि को समाप्त किया जा सके।
हाईकोर्ट में झारखंड सरकार की गलत जानकारी
इस घटना ने झारखंड हाईकोर्ट में भी हलचल मचा दी है। रांची के अधिकारियों ने अदालत को गलत जानकारी दी थी कि शहर में एक भी अवैध बूचड़खाना नहीं चल रहा। हाईकोर्ट ने जब इस संबंध में रांची पुलिस से जवाब मांगा, तो पुलिस ने शपथ पत्र दाखिल कर कहा कि शहर में कोई अवैध बूचड़खाना नहीं है। लेकिन अब जब नगर निगम की जांच में अवैध बूचड़खाना पाया गया है, तो अधिकारियों द्वारा दाखिल किया गया शपथ पत्र सवालों के घेरे में आ गया है।
इस मामले ने साबित कर दिया है कि स्थानीय प्रशासन की आंखें बंद हैं और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण करने में नाकामयाब हैं। इस स्थिति ने रांची की जनता में आक्रोश उत्पन्न किया है। लोग अब सवाल कर रहे हैं कि जब अवैध बूचड़खाने की जानकारी पहले से ही थी, तो अधिकारियों ने ऐसा क्यों नहीं बताया? क्या यह प्रशासन की लापरवाही है या किसी अन्य कारण से ऐसा किया गया?
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के अवैध बूचड़खाने से न केवल स्वास्थ्य का खतरा होता है बल्कि यह सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करता है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- स्थानीय लोगों ने कहा, “हमें अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता है।”
- एक अन्य नागरिक ने कहा, “प्रशासन को हमारी समस्याओं का समाधान करने के लिए तुरंत कदम उठाना चाहिए।”
- लोगों ने यह भी मांग की है कि इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
निगम की कार्रवाई और भविष्य की योजना
अपर प्रशासक संजय कुमार ने कहा है कि अवैध बूचड़खाने को ध्वस्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नगर निगम की जमीन पर कोई अवैध गतिविधि न हो।
इसके साथ ही, नगर निगम ने यह भी घोषणा की है कि वे आवासीय क्षेत्रों में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाएंगे। इस अभियान के तहत सभी अवैध बूचड़खानों की पहचान की जाएगी और उन्हें तत्काल बंद किया जाएगा। यह कदम न केवल रांची की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
समाप्ति में, यह घटना रांची के प्रशासन के लिए एक सबक है कि वे अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं। लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह आवश्यक है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और अवैध कारोबार को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई करें।




















