झारखंड की युवाओं की आवाज: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता
रांची की निवासी किरण टुडू, जो कि वर्तमान में पीजी की पढ़ाई कर रही हैं, का मानना है कि झारखंड राज्य के गठन के बाद से वहां विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। 25 वर्ष की इस युवा छात्रा का कहना है कि खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में झारखंड ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, जब स्वास्थ्य सेवाओं की बात आती है, तो स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
सदर अस्पताल और रिम्स की बदहाली
किरण ने बताया कि रिम्स और सदर अस्पताल की बदहाली के बारे में रोजाना अखबारों में खबरें पढ़ने को मिलती हैं। मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है और कभी-कभी तो उन्हें बुनियादी इलाज के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अस्पतालों में सुविधाओं की कमी एक गंभीर मुद्दा है। अस्पताल भवन तो मौजूद हैं, लेकिन आवश्यक मशीनें और उपकरणों की कमी के कारण मरीजों को इलाज कराने में कठिनाई आ रही है। कई बार मरीजों को बेड नहीं मिलते हैं या उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण भर्ती नहीं किया जाता। दवाइयां भी मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ती हैं, और छोटे-छोटे टेस्ट के लिए प्राइवेट अस्पतालों की ओर भेजा जाता है।
गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं एक चुनौती
किरण ने सवाल उठाया कि एक गरीब व्यक्ति किस प्रकार से अपना इलाज कराए? सरकारी अस्पतालों में सभी को समान इलाज मिलना चाहिए, ताकि प्राइवेट अस्पतालों की आवश्यकता ही न पड़े। जीवन की अमूल्यता को समझते हुए, किसी के इलाज में कमी नहीं होनी चाहिए।
- सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पैरवी की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
- हर व्यक्ति को बेहतर इलाज का हकदार होना चाहिए।
- नए अस्पतालों के खुलने से भी सभी के लिए इलाज कराना संभव नहीं हो पा रहा है।
युवाओं का झारखंड: सपनों का राज्य
किरण का मानना है कि 15 नवंबर 2025 को जब झारखंड राज्य 25 वर्ष का होगा, तब इसके विकास की दिशा पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को आगे आकर अपने सपनों का झारखंड बनाने के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए।
उनका मानना है कि यदि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार किया जाए, तो लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह समय है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाए।
निष्कर्ष
किरण टुडू जैसे युवा यह दर्शाते हैं कि झारखंड में विकास की संभावनाएं हैं, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए। अगर सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था सही हो जाए, तो न केवल गरीबों को राहत मिलेगी, बल्कि समाज के सभी वर्गों को उचित इलाज प्राप्त होगा।
इस प्रकार, झारखंड के युवाओं की आवाज को सुनना समय की आवश्यकता है ताकि वे अपने सपनों का राज्य बना सकें। यह न केवल एक युवा की बात है, बल्कि पूरे राज्य के विकास की बात है।





















