सरायकेला में मोबाइल एंबुलेंस सेवा की शुरुआत
जिला मुख्यालय सरायकेला में मंगलवार को प्रधानमंत्री जन-मन योजना के अंतर्गत आदिम जनजाति समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य जांच के लिए तीन मोबाइल एंबुलेंस सेवाओं की शुरुआत की गई। इस सेवा का उद्घाटन जिला उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने जिला समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर और फीता काटकर किया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त रीना हांसदा, सिविल सर्जन डॉक्टर सरयू प्रसाद सिंह, डीपीएम विनय कुमार सहित कई स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित थे। उपायुक्त ने बताया कि यह पहल विशेष रूप से आदिम जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन मोबाइल एंबुलेंस यूनिटों का मुख्य उद्देश्य दूरस्थ और दुर्गम ग्रामीण इलाकों में रह रहे आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की स्वास्थ्य जांच करना है। प्रत्येक मोबाइल यूनिट में कुल पांच सदस्यीय दल तैनात किए गए हैं, जिसमें एक एमबीबीएस चिकित्सक, एक नर्स, एक लैब तकनीशियन और दो स्वास्थ्य सहायकों को शामिल किया गया है। यह दल आदिम जनजातियों के गांव जाकर रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगा और 20 प्रकार की प्रमुख चिकित्सीय जांचें की जाएंगी। उपायुक्त के अनुसार, इनमें से कई जांचों की रिपोर्ट मौके पर ही दी जाएगी, जबकि कुछ परीक्षणों की रिपोर्ट बाद में उपलब्ध कराई जाएगी।
मोबाइल एंबुलेंस का लाभ
उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने उम्मीद जताई कि यह मोबाइल स्वास्थ्य सेवा आदिम जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण और वन क्षेत्रों में बसे लोगों को समय पर इलाज का लाभ भी मिल सकेगा। यह पहल जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हर महीने 24 दिनों तक ये तीनों मोबाइल एंबुलेंस चांडिल, नीमडीह तथा कुचाई अखंड प्रखंड क्षेत्रों में भ्रमण करेंगी। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से आदिम जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच मिलेगी। इन सेवाओं के माध्यम से न केवल रोगियों की जांच की जाएगी, बल्कि आवश्यक दवाइयां भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य सेवा में सुधार की उम्मीद
उपायुक्त ने बताया कि इस पहल के जरिए आदिम जनजातियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को तुरंत समझा जा सकेगा और इलाज किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रयास है जो स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आदिम जनजाति समुदाय के लोग भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
इस गतिविधि से यह संकेत मिलता है कि सरकारी प्रयासों के माध्यम से आदिम जनजाति समुदाय की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। यह न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- तीन मोबाइल एंबुलेंस सेवाओं की शुरुआत
- दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य जांच की सुविधा
- हर माह 24 दिनों तक सेवा उपलब्ध
- 20 प्रकार की प्रमुख चिकित्सीय जांचें
- निःशुल्क दवाइयों का वितरण
इस प्रकार, यह पहल आदिम जनजातियों के स्वास्थ्य में सुधार करने और उन्हें आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उम्मीद है कि इससे लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएगा और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचेगा।



















