झारखंड में माता बेर्नादेत्त विकास मेला का आयोजन
झारखंड के रांची में संत अन्ना धर्मसमाज की संस्थापिका माता मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा और उनके सहयोगियों माता सिसिलिया, माता बेरोनिका, और माता मेरी की 30वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय माता बेर्नादेत्त विकास मेला का आयोजन किया गया। यह मेला समाज सेवा आयोग रां में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य माताओं की मेहनत और समाज में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करना था।
इस विकास मेले में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिसमें आर्चबिशप विंसेंट आईंद भी शामिल थे। उन्होंने मेले में एक-एक स्टॉल का दौरा किया और वहां उपस्थित सभी प्रोविंश से आए लोगों से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने सभी सिस्टरों से बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित किया। बच्चे भी इस मेला में शामिल हुए और आर्चबिशप ने उनसे भी मुलाकात की। उन्होंने फूड स्टॉल में मौजूद विभिन्न पकवानों का भी स्वाद लिया, जिससे मेले का माहौल और भी जीवंत हो गया।
मेले में उपलब्ध स्टॉल और उत्पाद
माता बेर्नादेत्त विकास मेले में कुल 25 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें विभिन्न प्रदेशों के प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा निर्मित उत्पाद शामिल हैं। रांची, गुमला, मध्य प्रदेश और जलपाईगुड़ी प्रोविंश के द्वारा बनाए गए इन उत्पादों में आर्ट-क्राफ्ट से संबंधित वस्तुएं, कपड़े, देसी खान-पान, तथा औषधीय पौधों के स्टॉल शामिल हैं।
- महिलाओं द्वारा बनाए गए रुमाल, कपड़े, बैग, और स्वेटर
- स्वदेशी उत्पाद जैसे मड़ुआ आटा, आंवला अचार, बांस का आचार और कुरथी दाल
- विभिन्न प्रकार के चूर्ण और तेल
मेले में उपलब्ध स्वदेशी व्यंजन छात्रों और अन्य मेहमानों को खासा आकर्षित कर रहे हैं। इनमें भुना और उबला टापियोका, झालमुरी, मालपुआ, रसगुल्ला और पानी पुरी जैसे लोकप्रिय व्यंजन शामिल हैं। इस मेले का उद्देश्य न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज में महिलाओं के योगदान को भी सम्मानित करना है।
मेले की समय सीमा और गतिविधियाँ
यह विकास मेला बुधवार को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा, जहां लोग विभिन्न स्टॉल्स का दौरा कर सकते हैं। मेले में शामिल होने वाले सभी लोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों और व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। यह मेला न केवल खरीदारी का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी प्रदर्शित करता है।
मेले के आयोजन में डीएसए कॉर्डिनेटर सि. ललिता रोशनी लकड़ा सहित अन्य कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। यह आयोजन समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण साधन है। आयोजकों ने इस मेले को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत की है, जिससे स्थानीय समुदाय को लाभ मिल सके।
इस प्रकार का आयोजन समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होता है और यह दर्शाता है कि कैसे हम सब मिलकर एक बेहतर समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। माता बेर्नादेत्त विकास मेला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है, बल्कि स्थानीय उत्पादों और संस्कृति को भी संरक्षित करता है।




















