झारखंड: बिजली विभाग की लापरवाही से हुई दुर्घटनाएं
मंगलवार को झारखंड में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते शहर के कई क्षेत्रों में बाइक और स्कूटी सवारों के लिए दुर्घटनाएं हुईं। इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की स्थिति गंभीर है। यह घटना तब हुई जब बिजली विभाग ने बिजली पोल पर लगे टेलीकॉम कंपनियों के केबल को काटकर सड़क पर फेंक दिया, जिससे कई लोग सड़क पर गिर गए।
दुर्घटनाओं में से एक डोरंडा कॉलेज के पास हुई, जहां गिरने वाले तार में उलझकर तीन बाइक सवार और एक स्कूटी सवार सड़क पर गिर पड़े। स्कूटी सवार कुंदन कुमार चौधरी की स्थिति गंभीर है, उनकी टांग की हड्डी टूट गई है और उन्हें राज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, उनकी पत्नी को भी गंभीर चोटें आई हैं। बाइक से गिरने वाले एक अन्य व्यक्ति को कमर में गंभीर चोट आई, जिन्हें उनके परिचित अस्पताल ले गए।
बिजली विभाग का अभियान और उसके परिणाम
बिजली विभाग ने मंगलवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कचहरी, करमटोली, बरियातू रोड, कांक रोड, बूटी मोड़ और डोरंडा इलाके में टेलीकॉम के केबल को काटने का अभियान चलाया। परंतु, विभाग ने केबल को काटने के बाद उसे सड़क पर ही फेंक दिया, जिससे आम जनता को कठिनाई का सामना करना पड़ा। इस लापरवाही के कारण कई लोग घायल हुए, जो सुरक्षा के प्रति विभाग की अनदेखी दर्शाता है।
इस घटना के बाद, जब टेलीकॉम कंपनियों को इस बारे में जानकारी मिली, तो उनके प्रतिनिधियों ने जेबीवीएनएल के जनरल मैनेजर से संपर्क किया। इसके बाद केबल काटने का कार्य रोक दिया गया। फिलहाल, जनरल मैनेजर ने कंपनियों को एक सप्ताह का समय दिया है ताकि वे अपनी व्यवस्था को सुधार सकें।
लापरवाही पर उठे सवाल
बिजली विभाग की इस लापरवाही पर सवाल उठते हैं। जनरल मैनेजर मनमोहन कुमार ने कहा है, “अगर सड़क पर केबल फेंका गया है और इसके परिणामस्वरूप किसी को चोट आई है, तो यह लापरवाही है। हम इस मामले की जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।” यह बयान इस बात का संकेत है कि विभाग अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है। नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सुरक्षा के उपाय और नागरिकों की जिम्मेदारी
इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को मिलकर काम करना चाहिए। नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए। इसके अलावा, बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस मामले में प्रशासन की सक्रियता और नागरिकों की जागरूकता ही इस समस्या का समाधान कर सकती है। सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि सड़कें सुरक्षित रहें और सभी लोग बिना किसी डर के यात्रा कर सकें।
आखिरकार, यह घटना हमें यह सिखाती है कि सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं किया जाना चाहिए।


















