झारखंड की सिल्वर जुबली: अगले 25 वर्षों का विकास रोडमैप
झारखंड राज्य अपनी सिल्वर जुबली के अवसर पर एक नए विकास रोडमैप की तैयारी कर रहा है। यह राज्य अपनी अपार प्राकृतिक और खनिज संपदा, मेहनती मानव संसाधन और भौगोलिक विशेषताओं के लिए देश में अद्वितीय है। लेकिन आज, यहां की अर्थव्यवस्था का आकार वह नहीं है, जो होना चाहिए। यदि पिछले वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों और वन संपदा आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन मिला होता, तो रोजगार के अवसरों में वृद्धि के साथ-साथ लोगों की जीवनशैली में भी उल्लेखनीय सुधार होता।
झारखंड को देश और विदेश में एक फ्रेंडली इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। यदि झारखंड के लोगों को अपने ही राज्य में पर्याप्त रोजगार मिल जाए, तो यह न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि पलायन की समस्या भी समाप्त होगी। विकास की बुनियाद में ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्य में कोयला, सौर ऊर्जा, न्यूक्लियर संसाधन और बायोफ्यूल की प्रचुर संभावनाएं हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
झारखंड की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए निवेश और नीति-निर्माण की आवश्यकता है। यह राज्य केवल ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि देश को ऊर्जा उपलब्ध कराने वाला अग्रणी राज्य भी बन सकता है। इसके साथ ही, यहां रेलवे और रक्षा उत्पादन इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं अत्यधिक हैं। हालांकि, झारखंड जो लौह और इस्पात उत्पादन का गढ़ है, यहां एक भी प्रमुख ऑटोमोबाइल यूनिट नहीं है।
झारखंड को आईटी, एआई, ड्रोन, और स्पेस इंजीनियरिंग जैसे भविष्य के उद्योगों का केंद्र बनाना होगा। यह आवश्यक है कि राज्य की सिल्वर जुबली के इस अवसर पर हम अगले 25 वर्षों का विकास रोडमैप तैयार करें। इसमें अर्थशास्त्रियों, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को सम्मिलित किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम नागरिक की आय और खुशहाली कैसे बढ़े।
नई अर्थव्यवस्था के लिए रेशम और बांस उद्योग
रेशम उत्पादन और बांस उद्योग को नई अर्थव्यवस्था का आधार बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वियतनाम जैसे देशों ने बांस उद्योग से अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दी है। झारखंड को भी इसी तरह के प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि राज्य के लोग समृद्धि की ओर बढ़ सकें।
हाल ही में, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। उन्होंने पिछले 15 वर्षों में व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है और विभिन्न सामाजिक संगठनों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है।
झारखंड का स्थापना दिवस: 15 नवंबर
झारखंड का स्थापना दिवस 15 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन, राज्य की जनता एकजुट होकर अपने नेताओं और नीतियों को याद करती है, जो राज्य के विकास में सहायक रही हैं। आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि राज्य की विकास यात्रा में हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है, और हमें मिलकर एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ना होगा।
आदित्य मल्होत्रा ने यह भी कहा कि आगामी समय में झारखंड को आईटी, एआई, ड्रोन, और स्पेस इंजीनियरिंग जैसे उद्योगों में खुद को स्थापित करना होगा। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार और उद्योगपतियों के साथ मिलकर काम करना होगा।
निष्कर्ष
झारखंड को अपनी सिल्वर जुबली के अवसर पर एक नई विकास की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। इसमें सभी stakeholders की भागीदारी आवश्यक है। यह राज्य अपनी प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करके न केवल अपनी आर्थिकी को सशक्त बना सकता है, बल्कि अपने लोगों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण भी कर सकता है।



















