रातू में सड़क दुर्घटना के बाद व्यापारियों का विरोध
रातू के काठीटांड़ चौक पर एक सड़क दुर्घटना में स्थानीय कारोबारी सुरेन्द्र साहु की दुखद मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद, सोमवार को रातू चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में व्यापारियों ने विरोध स्वरूप अपने-अपने प्रतिष्ठानों को सुबह से लेकर दोपहर एक बजे तक बंद रखा। इस दौरान सभी व्यापारी बंधु काठीटांड़ चौक पर एकत्रित हुए और सुरेन्द्र साहु की याद में श्रद्धांजलि अर्पित की।
व्यापारियों ने सुरेन्द्र साहु के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। रातू चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने आपस में चंदा कर मृतक के परिवार को लगभग 30,000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की। इसके अतिरिक्त, चैंबर ने प्रशासन से कई मांगें रखीं, जिसमें मृतक के परिवार को आर्थिक मुआवजा देने, काठीटांड़ चौक में सुविधाएं मुहैया कराने, और सड़क सुरक्षा के उपायों को लागू करने की मांग शामिल थी।
सड़क सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
चैंबर ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- काठीटांड़ चौक में बेरिकेडिंग हटाने की मांग।
- एनएच 39 में काठीटांड़ चौक के दोनों ओर स्पीड ब्रेकर लगाने की आवश्यकता।
- चौक के बीचोंबीच एक ट्रैफिक पोस्ट का निर्माण।
- ट्रैफिक सिग्नल लगाने की मांग।
- काठीटांड़ चौक के चारों ओर ट्रैफिक पुलिस की बहाली।
- दुकानदारों और आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग।
रातू थाना प्रभारी राम नारायण सिंह ने धरने पर बैठे चैंबर के पदाधिकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अपनी ओर से यथासंभव मदद करेंगे। धरने में स्थानीय भाजपा नेता महेश महतो का भी समर्थन प्राप्त हुआ। इस मौके पर कई अन्य व्यापारी और स्थानीय नेता उपस्थित थे।
झारखंड चैंबर की श्रम उप समिति की बैठक
इसी बीच, रांची में झारखंड चैंबर की श्रम उप समिति की बैठक चैंबर भवन में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता उप समिति के चेयरमैन प्रमोद सारस्वत ने की। बैठक में श्रमिकों से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। सदस्यों ने सुझाव दिया कि ईएसआईसी के अंतर्गत आने वाले श्रमिकों के लंबित भुगतान मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए।
बैठक में यह भी प्रस्ताव दिया गया कि विभाग द्वारा नियोजकों और श्रमिकों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाए, जिससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। इसके अलावा, ईएसआईसी को समय-समय पर चैंबर भवन में सेमिनार आयोजित करने और ऑन-साइट पंजीकरण शिविर लगाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। प्रमोद सारस्वत ने सुझाव दिया कि राज्य के सभी सदर अस्पतालों को ईएसआईसी से जोड़ा जाए, ताकि श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
इसके अलावा, जमशेदपुर के निजी अस्पतालों को अनुबंधित करने के लिए टेंडर निकाले जाने की भी बात की गई। नामकुम स्थित ईएसआईसी अस्पताल में आधुनिक चिकित्सीय उपकरणों की व्यवस्था की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। यह बैठक श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
झारखंड के व्यापारियों और श्रमिकों की समस्याओं को लेकर इसके अलावा भी कई मुद्दे उठाए जा रहे हैं, जिनका समाधान प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा समय पर किया जाना आवश्यक है।

















