हरियाणा में वायु गुणवत्ता में सुधार, लेकिन खतरा बरकरार
जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा की वायु गुणवत्ता पिछले कुछ दिनों से चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में, मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा हुई, जिसके चलते वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार देखने को मिला है। इसके परिणामस्वरूप, एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) गंभीर श्रेणी से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है। हालांकि, प्रदेश के कई शहरों में यह अभी भी गंभीर स्तर पर बना हुआ है। इस दिन रोहतक का एक्यूआई 329 दर्ज किया गया, जिससे यह शहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर रहा।
हरियाणा के अन्य शहरों की बात करें तो पहले स्थान पर तमिलनाडु का तूतूकुड़ी शहर रहा, जहां एक्यूआई 406 रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा, गाजियाबाद का एक्यूआई 325 और सिवानी का 324 रहा। प्रदेश के कैथल और भिवानी का एक्यूआई भी 300 के करीब रहा, जबकि अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और चरखी दादरी का एक्यूआई 250 से ऊपर दर्ज किया गया। यह स्पष्ट है कि प्रदूषण की समस्या अभी भी गंभीर बनी हुई है, और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
हल्की वर्षा से किसानों को नुकसान की आशंका
मौसम के हालात ने किसानों के लिए भी चिंता बढ़ा दी है। हल्की बारिश के चलते हिसार के उकलाना में मंडी में धान की कई ढेरियां भीग गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा, गेहूं की बिजाई करने वाले किसानों को भी इस वर्षा से कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, आगामी दो दिनों तक मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। इसके बाद, पूरे प्रदेश में ठंड बढ़ने की उम्मीद है, जिससे न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा सकता है।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान में मौसम के हालात के कारण दिन और रात दोनों समय तापमान में गिरावट आएगी। ऐसे में, कृषि गतिविधियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने फसलों की देखभाल में और अधिक सतर्क रहें, ताकि किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके।
हरियाणा में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
हरियाणा सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन अभी भी इन उपायों को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- हरित आवरण का विकास: वृक्षारोपण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।
- औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण: उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन कराने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है।
- वाहन प्रदूषण में कमी: पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
- जन जागरूकता: प्रदूषण के प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है।
हरियाणा में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। सरकार और नागरिक दोनों को मिलकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में प्रदूषण की समस्या को नियंत्रण में लाया जा सके। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेंगे, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे।
इस प्रकार, हरियाणा की मौजूदा वायु गुणवत्ता और मौसम की स्थिति दोनों ही चिंताजनक हैं। सरकार और नागरिकों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि सभी को एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्राप्त हो सके।























