हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राहत योजना
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हाल ही में हरियाणा में आई बाढ़ और भारी वर्षा ने किसानों के लिए गंभीर समस्याएँ खड़ी कर दी हैं। इस संकट के मद्देनजर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रभावित किसानों के लिए एक विशेष राहत योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, राज्य के सभी कृषि ट्यूबवेल उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिलों का भुगतान छह महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह कदम किसानों को तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें।
बिजली बिलों का स्थगन और अन्य लाभ
इस योजना के अंतर्गत, जुलाई से दिसंबर की अवधि के बिजली बिलों का भुगतान अगले वर्ष तक के लिए स्थगित किया गया है। सरकार के फैसले के अनुसार, जुलाई में जारी बिजली बिल अगले साल जनवरी में, अगस्त के बिल फरवरी में और दिसंबर के बिल जून में देय होंगे। इस निर्णय से लगभग 7 लाख 10 हजार किसान लाभान्वित होंगे। यह कदम किसानों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस अवधि के दौरान, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम किसी भी कृषि ट्यूबवेल उपभोक्ता से विलंब अधिभार नहीं वसूलेगा। इसका मतलब है कि किसानों को बिजली आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आएगी और उन्हें वित्तीय बोझ से राहत मिलेगी। इस निर्णय से बिजली निगमों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिससे किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
बिजली सरचार्ज माफी योजना
इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने बिजली सरचार्ज माफी योजना को 11 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत, जो भी घरेलू और कृषि उपभोक्ता एकमुश्त भुगतान का विकल्प चुनेगा, उसे मूल राशि पर 10 प्रतिशत तक छूट और सरचार्ज पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह योजना उन उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी है जो अपने बिजली बिलों के भुगतान में समस्या का सामना कर रहे हैं।
- घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए एकमुश्त भुगतान पर 10% छूट।
- सरचार्ज पर 100% की छूट।
- औद्योगिक और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए मूल राशि पर 50% सरचार्ज माफ।
- जिसके बिजली कनेक्शन कट गए थे, वे फिर से कनेक्शन चालू करा सकते हैं।
किसानों की मदद के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
हरियाणा सरकार का यह निर्णय भारी वर्षा और बाढ़ से प्रभावित किसानों की मदद के लिए एक सशक्त कदम है। सरकार की योजना से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और उन्हें अपनी कृषि गतिविधियों को पुनः आरंभ करने में सहायता मिलेगी। राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक था।
किसान नेता और कृषि विशेषज्ञ इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं और इसे समय की आवश्यकता मानते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदाएँ आती हैं, तो सरकार को तुरंत ऐसी योजनाओं की आवश्यकता होती है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्दी से जल्दी राहत मिल सके। इस योजना को लागू करने से किसानों में एक नई आशा का संचार होगा और वे अपने कार्यों को फिर से शुरू कर सकेंगे।
निष्कर्ष
हरियाणा में बाढ़ और वर्षा से प्रभावित किसानों के लिए दी गई यह राहत योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि राज्य की कृषि विकास को भी बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की यह योजना किसानों के लिए एक संजीवनी साबित होगी, और इससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि जब सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए तत्पर रहती है, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव होता है। इस तरह की योजनाएँ ही एक मजबूत और समृद्ध राज्य की नींव रखती हैं।























