Labour Update: हरियाणा में श्रम कानूनों में बदलाव, ओवरटाइम 144 घंटे तक बढ़ा

सारांश

हरियाणा सरकार ने श्रम कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में ‘कारखाना (संशोधन) अध्यादेश और दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश 2025’ को स्वीकृति दी है। यह बैठक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा […]

kapil6294
Nov 04, 2025, 11:17 AM IST

हरियाणा सरकार ने श्रम कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में ‘कारखाना (संशोधन) अध्यादेश और दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश 2025’ को स्वीकृति दी है। यह बैठक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। नए नियमों के तहत, निजी क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को अब नियुक्ति पत्र और परिचय पत्र दिए जाएंगे, जिससे उनका अधिकार और पहचान सुनिश्चित होगी।

इस नए अध्यादेश के अनुसार, 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों और दुकानों पर दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम लागू नहीं होगा। महिला श्रमिकों को मशीनरी पर काम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध होने पर ही अनुमति मिलेगी। इसके अतिरिक्त, अब श्रमिकों को तीन महीने में 115 घंटों की बजाय 144 घंटों तक ओवरटाइम काम करने की अनुमति दी जाएगी। इस प्रकार के बदलाव से श्रमिकों के कार्य जीवन में सुधार और उद्योगों की कार्यक्षमता में वृद्धि की उम्मीद है।

महिलाओं की कार्यस्थल पर भागीदारी को बढ़ावा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि नए अध्यादेश का उद्देश्य मौजूदा औद्योगिक प्रथाओं के अनुरूप श्रम नियमों का आधुनिकीकरण करना है। यह संशोधन व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने और राज्य के कारखानों में लैंगिक समानता तथा श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। कारखाना अधिनियम 1948 में किए गए प्रमुख संशोधनों में श्रमिकों को नियुक्ति पत्र जारी करने, महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और कार्य घंटे और ओवरटाइम की व्यवस्था को सरल बनाना शामिल है।

अब हर नियोक्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर श्रमिक को नियुक्ति के समय औपचारिक नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाए। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और रोजगार की शर्तों में स्पष्टता आएगी। इसके साथ ही, महिलाओं के लिए मशीनरी पर काम करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते नियोक्ता द्वारा आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। इसके अंतर्गत, पहले से लागू बाल श्रम कानूनों के तहत बच्चों को कपास की मशीनों के पास काम करने से रोकने वाला पुराना प्रतिबंध भी हटा दिया गया है।

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काम के घंटे बढ़ाए गए हैं

औद्योगिक दक्षता को बढ़ाने के लिए, दैनिक कार्य घंटों को नौ से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है। साप्ताहिक कार्य सीमा को 48 घंटे पर बनाए रखा गया है। बिना आराम के लगातार काम करने की अवधि को बढ़ाकर छह घंटे किया गया है, जिससे श्रमिकों को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। इसके साथ ही, कार्य का विस्तार 10.5 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है, जिससे कारखानों को अधिकतम मांग और परिचालन संबंधी आवश्यकताओं का प्रभावी प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

ओवरटाइम के लिए बेहतर मुआवजा

मुख्यमंत्री ने बताया कि संशोधन में प्रति तिमाही अनुमेय ओवरटाइम सीमा को 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है। सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक होंगे और उनका उचित रूप से रिकॉर्ड रखा जाएगा। श्रमिकों को सामान्य मजदूरी दर से दोगुनी दर पर मुआवजा दिया जाएगा, जिससे उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह कदम श्रमिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

छोटे अपराधों के लिए आर्थिक दंड

हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025 अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। 20 से कम कर्मचारियों वाली छोटी इकाइयों को केवल ऑनलाइन स्व-घोषणा देने की आवश्यकता होगी। पंजीकरण, संशोधन और बंद करने से संबंधित सभी कार्य अब एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होंगे, जिससे सेवाओं में तेजी, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

संशोधन में मामूली प्रक्रियात्मक या आर्थिक अपराधों के लिए जेल की सजा के बजाय मौद्रिक दंड का प्रावधान किया गया है। यह छोटे व्यवसाय मालिकों को अपराधी बनाए बिना प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित करने में मदद करेगा। इस प्रकार, सरकार छोटे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।

संवेदनशील शासन के प्रति प्रतिबद्धता

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि संवेदनशील शासन हमारी नीति की नींव है। उन्होंने बताया कि सरकार के सभी निर्णय पारदर्शिता, संवेदनशीलता और सेवा भाव पर आधारित हैं। उनका लक्ष्य जनता के हित में फैसले लेना है ताकि राज्य का हर नागरिक विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके। चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो या शिक्षक या फिर किसी दुखद घटना से प्रभावित परिवार।

इन सभी बदलावों से हरियाणा के श्रमिकों और व्यवसायों के लिए नए अवसर खुलेंगे और यह राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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