पानीपत में नशा तस्करी मामले में दोषी करार, पप्पू को मिली दो साल की सजा
जागरण संवाददाता, पानीपत। हरियाणा के पानीपत जिले में एक विशेष अदालत ने नशा तस्करी के मामले में एक युवक को दोषी ठहराते हुए उसे दो साल की कैद और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आरोपी का नाम पप्पू है, जो उत्तर प्रदेश के जिला अमरोहा के धनौरा का निवासी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि पप्पू जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे छह माह की अतिरिक्त सजा का सामना करना पड़ेगा।
यह मामला उस समय सामने आया जब 9 सितंबर 2020 को एएसआई अरुण कुमार अपनी टीम के साथ मॉडल टाउन थाना क्षेत्र के महराणा अड्डे पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को संदिग्ध स्थिति में पालीथिन लिए खड़ा देखा। पुलिस को देखकर वह युवक भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में युवक की पहचान पप्पू के रूप में हुई।
पुलिस की कार्रवाई और चरस की बरामदगी
जब पुलिस ने पप्पू की तलाशी ली, तो उसके पास से 350 ग्राम चरस बरामद हुई। आरोपित ने पूछताछ के दौरान चरस तस्करी की बात स्वीकार की, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला पुलिस ने मॉडल टाउन थाने में एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज किया।
पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी करने के पश्चात आरोप पत्र अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक कुलदीप ढुल ने अभियोजन पक्ष की ओर से सभी साक्ष्य और गवाहों को प्रस्तुत किया। अदालत ने इन साक्ष्यों के आधार पर पप्पू को दोषी करार दिया और सजा सुनाई। यह मामला नशा तस्करी के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई का एक उदाहरण है, जो समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहा है।
नशा तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई
हरियाणा में नशा तस्करी की घटनाएं हाल के वर्षों में बढ़ी हैं, जिसके चलते राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस पर काबू पाने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं। नशा तस्करी के मामलों में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और न्यायालयों द्वारा सख्त सजा देने की प्रक्रिया से यह उम्मीद जताई जा रही है कि समाज में नशे के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए नशे की लत से प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया है। हरियाणा सरकार ने भी इस दिशा में कई पहल की हैं, ताकि नशे के प्रभाव को कम किया जा सके और युवाओं को इस बुराई से बचाया जा सके।
समाज में जागरूकता का महत्व
नशा तस्करी और उसके प्रभावों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रम जरूरी हैं। युवाओं को नशे की बुराइयों से अवगत कराना और उन्हें सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करना आवश्यक है। समाज के हर वर्ग को इस मामले में योगदान देना होगा ताकि हम एक स्वस्थ और नशामुक्त समाज की ओर बढ़ सकें।
इस मामले में अदालत द्वारा दी गई सजा न केवल पप्पू के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह अन्य संभावित तस्करों के लिए भी एक संदेश है कि नशा तस्करी एक गंभीर अपराध है और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है। पुलिस और न्यायालयों की इस सख्ती से न केवल समाज में नशे के खिलाफ एक सकारात्मक बदलाव आएगा, बल्कि यह अन्य अपराधों को रोकने में भी मदद करेगा।
हरियाणा में नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों को सफल बनाने के लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। यह केवल पुलिस और सरकारी संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक सदस्य को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।























